तेल को बार-बार गर्म करना खतरनाक
री-हीट करने से तेल में विषैले पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है
प0नि0डेस्क
देहरादून। तेल भारतीय पाक शैली का प्रमुख हिस्सा है। हर घर में सब्जी बनाने से लेकर पुड़ी-पराठे बनाने तक तेल का प्रयोग होता है। इसके अलावा अधिकतर स्नैक्स को भी तेल में ही तला जाता है। चिप्स, समोसे, प्रफाइज कुछ भी हों, ये टेस्ट में अच्छे होते हैं लेकिन इन्हें बनाने में जो तेल का प्रयोग होता है, उसके नुकसान हो सकते हैं।
अक्सर लोग इसे सामान्य प्रक्रिया मानते हैं कि खाना बनाने के बाद अगर तेल बचे तो उसे बाद में गर्म करके यूज कर लिया जाएगा। ऐसा करना शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि खाना पकाने के तेल को दोबारा गर्म करने के साइड इफेक्ट होते हैं। अगर इस बारे में नहीं जानते हैं तो तेल को दोबारा गर्म करके उसमें खाना बनाकर खाने के नुकसान भी जान लीजिए।
काले, धुएं वाला तेल, जिसे बार-बार गर्म किया जा रहा है, वह शरीर में एलडीएल या खराब कोलेस्ट्राल लेवल को बढ़ा सकता है। एलडीएल कोलेस्ट्राल का हाई लेवल हार्ट डिसीज, स्ट्रोक और सीने में दर्द का जोखिम बढ़ा सकता है। इसलिए कोलेस्ट्राल से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए कुकिंग आयल को दोबारा गर्म करने से बचें।
अगर तेल को बार-बार गर्म किया जाता है तो उसमें एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। अगर आपको पेट और गले में जलन महसूस होती है तो इसका कारक खाना बनाने वाला तेल भी हो सकता है। अगर आपको सामान्य से अधिक एसिडिटी का अनुभव होता है तो जंक और डीप प्रफाई फूड्स खाने से बचें। यदि इससे गले और पेट में जलन में आराम मिलता है तो इसका जवाब आपके पास है कि आपको क्या करना है।
सूरजमुखी या मकई के तेल जैसे कुछ वेजिटेवल आयल को फिर से गर्म करने से उसमें जहरीले तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे हृदय रोग, अल्जाइमर, डिमेंशइया और पार्किंसंस जैसी कई स्थितियों पैदा हो जाती हैं। वेजिटेबल तेल को दोबारा गर्म करने पर 4-हाइड्राक्सी-ट्रांस-2-नामिनल नामक एक अन्य जहर निकलता है, जो डीएनए, आरएनए और प्रोटीन को सही तरह से काम करने से रोकता है।
कुकिंग आयल में ट्रांस फैटी एसिड होते हैं जो दोबारा गर्म करने पर बढ़ जाते हैं। ट्रांस फैट सैचुरेटेड फैट से भी बुरे होते हैं क्योंकि ये न केवल खराब कोलेस्ट्राल लेवल को बढ़ाते हैं बल्कि अच्छे कोलेस्ट्राल के लेवल को भी कम कर देते हैं। इसके कारण पार्किंसंस रोग, हार्ट डिसीज, स्ट्रोक, कैंसर और विभिन्न लिवर जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
कैंसर का जोखिम बढ़ाएः तेल को दोबारा गर्म करने से वह कार्सिनोजेनिक हो जाता है। कार्सिनोजेन ऐसा एजेंट होता है जो कैंसर का कारण बनता है। रिसर्च के मुताबिक जब तेल को बार-बार गर्म किया जाता है तो उसमें एल्डिहाइड यानि जहरीले तत्व पैदा हो जाते हैं। फिर अगर कोई उस तेल में बने खाने को खाता है तो शरीर में टाक्सिन्स पहुंच जाते हैं, जिससे शरीर को नुकसान हो सकता है। वहीं अधिक मात्रा में ऐसे तेल का प्रयोग करके कैंसर का जोखिम भी बढ़ सकता है। शरीर में टाक्सिन्स की मात्रा बढ़ने से मोटापा, हार्ट डिसीज और डायबिटीज समेत कई बीमारियां हो जाती हैं।
कुछ एक्सपर्ट बताते हैं कि दोबारा गर्म किए गए तेल में बना खाने से शरीर पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं। लेकिन अगर पहली बार में तेल को अधिक आंच पर और अधिक देर तक गर्म नहीं किया गया है तो उसे दोबारा गर्म कर सकते हैं। तलने से पहले खाने में नमक डालने से बचें क्योंकि नमक के कारण तेल से जल्दी धुंआ निकलने लगता है और अगर एक बार तेल से धुंआ निकलने लगे तो वह उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता।