मंगलवार, 4 जून 2024

मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी

 मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी


संवाददाता

देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने कोटद्वार के मालन पुल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झंडीचौड़ तथा बिजली विभाग के विभिन्न जन समस्याओं का संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये।

विधानसभा अध्यक्ष को मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से करने की शिकायत प्राप्त हुई। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग कोटद्वार को पत्र लिख कर तत्काल निर्माण कार्य में तेजी लाने और गुणवत्ता पूर्ण कार्य करने के सख्त निर्देश दिए।

हाल में आये भारी तूफान के कारण कोटद्वार की बिजली गुल होने ओर साथ ही तूफान से हुए नुकसान को लेकर उत्पन्न हुई समस्याओं के निवारण हेतु विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अधिशासी अभियंता विद्युत विभाग दुगड्ढा को पत्र लिखकर समस्याओं के समाधान करने हेतु सख्त निर्देश दिए।

इस दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झंडीचौड में लेबर रूम का उपयोग ना होने की समस्या का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी को पत्र के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झंडीचौड़ में समूचित संसाधन उपलब्ध कर इसे तत्काल प्रभाव से चालू करने के सख्त निर्देश दिए।



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सोमवार, 23 मई 2022

माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग

 माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग



व्हाट्सएप उपयोगकर्ता $91 9013151515 पर केवल नमस्ते या हाय या डिजिलाकर भेजकर कर सकते है चैटबाट का उपयोग

एजेंसी

नई दिल्ली। सरकारी सेवाओं को सुलभ, समावेशी, पारदर्शी और सरल बनाने की एक बड़ी पहल के रूप में माईगव ने घोषणा की कि नागरिक अब डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग करने के लिए व्हाट्सएप पर माईगव हेल्पडेस्क का उपयोग करने में समर्थ होंगे। इन सेवाओं में व्हाट्सएप पर डिजिलाकर खाते बनाना और उन्हें प्रमाणित करना, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण प्रमाण-पत्र जैसे दस्तावेज डाउनलोड करना शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार डिजिटल इंडिया के माध्यम से ईज आफ लिविंग के लिए काम कर रही है। इस संदर्भ में व्हाट्सएप पर माईगव हेल्पडेस्क नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण शासन और सरकारी सेवाओं को सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रमुख कदम है।

माईगव हेल्पडेस्क अब डिजिलाकर सेवाओं से शुरू होकर एकीकृत नागरिक सहायता और कुशल शासन के लिए कई सेवाएं प्रदान करेंगी। नई सेवा नागरिकों को उनके घरों पर ही निम्नलिखित दस्तावेजों तक आसानी और सुविधा के साथ पहुंच स्थापित करने में सक्षम बनाएगी-

पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सीबीएसई दसवीं कक्षा उत्तीर्ण प्रमाण-पत्र, वाहन पंजीकरण प्रमाण-पत्र (आरसी), बीमा पालिसी- दुपहिया, दसवीं कक्षा की अंक तालिका (मार्कशीट), बारहवीं कक्षा की अंक तालिका (मार्कशीट), बीमा पालिसी दस्तावेज (डिजिलाकर पर उपलब्ध लाइफ और नान लाइफ)।

 देश भर में व्हाट्सएप उपयोगकर्ता व्हाट्सएप नंबर $91 9013151515 पर केवल नमस्ते या हाय या डिजिलाकर भेजकर चैटबाट का उपयोग कर सकते हैं।

मार्च 2020 में अपने लान्च के बाद से व्हाट्सएप पर माईगव हेल्पडेस्क (जिसे पहले माईगव कोरोना हेल्पडेस्क के नाम से जाना जाता था) ने लोगों को कोविड से संबंधित जानकारी के प्रामाणिक स्रोतों के साथ-साथ वैक्सीन लेने के लिए समय निर्धारित करने और वैक्सीन प्रमाण-पत्र डाउनलोड करने जैसे महत्वपूर्ण उपयोगों के साथ कोविड-19 महामारी से लड़ने में महत्वपूर्ण साधन के रूप में काम किया है। अब तक 80 मिलियन से अधिक लोग हेल्पडेस्क से जुड़ चुके हैं और 33 मिलियन से अधिक वैक्सीन प्रमाण-पत्र डाउनलोड किए जा चुके हैं। इसके माध्घ्यम से देश भर में लाखों टीकाकरण के अपाइंटमेंट भी बुक किए जा चुके हैं।

डिजिलाकर जैसे नए संवर्धनों के साथ व्हाट्सएप पर माईगव चैटबाट का उद्देश्य नागरिकों के लिए संसाधनों और आवश्यक सेवाओं तक पहुंच स्घ्थापित करने के लिए डिजिटल रूप से समावेशी एक व्यापक प्रशासनिक सहायता प्रणाली का निर्माण करना है।

माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का प्रस्ताव एक स्वाभाविक प्रगति है जो नागरिकों को व्हाट्सएप के आसान और सुलभ प्लेटफार्म के माध्यम से आवश्यक सेवाओं तक एक सरल पहुंच प्रदान करने की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है। डिजिलाकर पर पहले ही लगभग 100 मिलियन से अधिक लोग पंजीकृत हैं और अब तक 5 बिलियन से अधिक दस्तावेज जारी किए जा चुके हैं। व्हाट्सएप पर ये सेवाएं लाखों लोगों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाएगी और उन्घ्हें उनके फोन द्वारा प्रामाणिक दस्तावेजों और जानकारियों तक पहुंच स्थापित करने में सहायता प्रदान करेंगी। यह सार्वजनिक सेवाओं के वितरण को सुगम और बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप है।

जिला रेडक्रास का नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर

जिला रेडक्रास का नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर 

लोगों को मिला स्वास्थ्य परीक्षण एवं औषधि  वितरण का लाभ


संवाददाता
देहरादून।  ज़िला रेडक्रास शाखा देहरादून एवं स्वास्थ्य हॉस्पिटल द्वारा निःशुल्क चिकित्सा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन  प्राचीन शिव मन्दिर रीठा मंडी निकट  मुस्लिम कॉलोनी लक्खीबाग में आयोजित किया गया!
शिविर में  जिला रेडक्रास सोसाइटी से श्रीमती कल्पना बिष्ट (सचिव), अनिल वर्मा (चेयरमैन, यूथ-रेड क्रॉस कमेटी ), आशीष कुमार चनालिया, सुभाष चौहान (वाईस चेयरमैन-देहरादून), श्रीमती रुपाली शर्मा (देहरादून टीम कोऑर्डिनेटर), श्रीमती पद्मिनी मल्होत्रा (मेंबर मैनेजिंग कमिटी-देहरादून), विकास गुप्ता (मेंबर मैनेजिंग कमिटी- देहरादून), लाइफ मेंबर में मेजर प्रेमलता वर्मा, रवींद्र पडियार, नितिन कुमार, ममता खन्ना, राजीव गुप्ता, सनी अग्रवाल, राघव गोयल, मनोज धीमान, अन्तेजा बिष्ट, स्वास्थ्य हॉस्पिटल से वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ० पंकज दीक्षित  (पेट रोग विशेषज्ञ), डॉ० जगदीश रावत (छाती रोग विशेषज्ञ), डॉ० विवेक रोहिला (गुर्दा रोग विशेषज्ञ), श्री अमित कुमार (एंडोस्कोपिक एवं तकनीशियन), सुनील दीक्षित (पी०आर०ओ), आदि डॉक्टर्स, तकनीशियन एवं बड़ी संख्या में लाभार्थी  उपस्थित रहे। 
जिला रेडक्रास समिति द्वारा स्वास्थ्य हाॅस्पिटल न्यू रोड निकट यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के समस्त चिकित्सकों व तकनीशियनों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करते हुए स्मृति चिन्ह तथा रेडक्रास के संस्थापक सर हेनरी ड्यूनांट का चित्र भेंटकर सम्मानित किया गया।
शिविर  का समापन शिविर संयोजक व रेडक्रास प्रबंधन समिति सदस्य विकास कुमार द्वारा स्वास्थ्य हाॅस्पिटल की टीम, प्राचीन शिव मन्दिर समिति रीठा मंडी की प्रबन्धन समिति, रेडक्रास सोसाइटी के सदस्यों व लाभार्थियों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त  करके हुआ।
शिविर का कुशल संचालन रेडक्रास प्रबंधन समिति सदस्य श्रीमती पद्मिनी मल्होत्रा द्वारा किया गया।

रविवार, 22 मई 2022

रक्षा पेंशनभोगियों से 25 मई तक वार्षिक पहचान पूरी करने का आग्रह

 रक्षा पेंशनभोगियों से 25 मई तक वार्षिक पहचान पूरी करने का आग्रह



मासिक पेंशन की सुगम प्रोसेसिंग सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी

एजेंसी

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने एक बार फिर उन रक्षा पेंशनभोगियों जिन्होंने अभी तक अपनी वार्षिक पहचान/जीवन प्रमाणन को पूरा नहीं किया है, से आग्रह किया है कि वे निश्चित रूप से इस प्रक्रिया को 25 मई तक पूरी कर लें जिससे कि मासिक पेंशन की सुगम प्रोसेसिंग सुनिश्चित की जा सके।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक डाटा के सत्यापन पर यह देखने में आया है कि 43,774 पेंशनभोगियों, जिन्हें पेंशन प्रशासन प्रणाली-रक्षा (स्पर्श) में स्थानांतरित कर दिया गया था, ने नवंबर 2021 तक न तो आनलाइन और न ही अपने संबंधित बैंकों के माध्यम से अपनी वार्षिक पहचान पूरी की है।

इसके अतिरिक्त पुराने पेंशनभोगी (2016 से पहले सेवानिवृत्त) जो पेंशन की पुरानी प्रणाली पर बने हुए हैं, के लिए यह सूचित किया है कि करीब 1.2 लाख पेंशनभोगियों ने उपलब्ध किसी भी माध्यम से अपनी वार्षिक पहचान पूरी नहीं की है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार वार्षिक पहचान/जीवन प्रमाणन निम्नलिखित माध्यमों से किया जा सकता है-

1. एंड्रायड यूजर के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण आनलाइन/जीवन प्रमाण पफेस ऐप

क. स्थापना और उपयोग के विवरण यहां प्राप्त किए जा सकते हैं  : https : //jeevanpramaan.gov.in/package/documentdowload/JeevanPramaan.FaceApp.3.6.Installation

ख. स्पर्श पेंशनभोगी- कृपया ‘रक्षा-पीसीडीए (पी) इलाहाबाद’ और संवितरण प्राधिकरण को रक्षा-पीसीडीए (पेंशन) इलाहाबाद के रूप में मंजूरी देने वाले प्राधिकरण को चुनें।

ग. पुराने पेंशनभोगी (2016 से पहले सेवानिवृत्त)- कृपया अपने संबंधित मंजूरी देने वाले प्राधिकरण को ‘रक्षा-संयुक्त सीडीए (एएफ) सुब्रतो पार्क या ‘रक्षा-पीसीडीए (पी) इलाहाबाद’ या रक्षा-पीसीडीए (नौसेना) मुंबई एवं संवितरण प्राधिकरण को अपने संबंधित पेंशन वितरण बैंक/डीपीडीओ आदि के रूप में चुनें।

2. पेंशनभोगी वार्षिक पहचान को पूरी करने के लिए सामान्य सेवा केंद्रों (सीएसी) को भी विजिट कर सकते हैं। अपना निकटतम सीएससी यहां खोजें- https://findmycsc.nic.in/

3. पेंशनभोगी जीवन प्रमाणन को अपडेट करने के लिए अपने निकटतम डीपीडीओ को भी विजिट कर सकते हैं। पुराने पेंशनभोगी अपने संबंधित बैंकों के साथ अपने जीवन प्रमाणन को अपडेट कराना जारी रख सकते हैं।

रक्षा मंत्रालय के कहा है कि वार्षिक पहचान/जीवन प्रमाणन की प्रक्रिया मासिक पेंशन के निरंतर और समय पर क्रेडिट होने के लिए एक सांविधिक जरूरत है। बहरहाल अप्रैल के लिए मासिक पेंशन 58,275 पेंशनभोगियों (स्पर्श पर 4.47 लाख स्थानांतरित पेंशनभोगियों में से) के लिए विशेष एकमुश्त छूट के माध्यम से क्रेडिट किया गया था, क्योंकि उनके संबंधित बैंकों द्वारा महीने के समापन तक उनकी वार्षिक पहचान के विवरण सत्यापित नहीं किए जा सके थे।

तेल को बार-बार गर्म करना खतरनाक

 तेल को बार-बार गर्म करना खतरनाक



री-हीट करने से तेल में विषैले पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है

प0नि0डेस्क

देहरादून। तेल भारतीय पाक शैली का प्रमुख हिस्सा है। हर घर में सब्जी बनाने से लेकर पुड़ी-पराठे बनाने तक तेल का प्रयोग होता है। इसके अलावा अधिकतर स्नैक्स को भी तेल में ही तला जाता है। चिप्स, समोसे, प्रफाइज कुछ भी हों, ये टेस्ट में अच्छे होते हैं लेकिन इन्हें बनाने में जो तेल का प्रयोग होता है, उसके नुकसान हो सकते हैं। 

अक्सर लोग इसे सामान्य प्रक्रिया मानते हैं कि खाना बनाने के बाद अगर तेल बचे तो उसे बाद में गर्म करके यूज कर लिया जाएगा। ऐसा करना शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि खाना पकाने के तेल को दोबारा गर्म करने के साइड इफेक्ट होते हैं। अगर इस बारे में नहीं जानते हैं तो तेल को दोबारा गर्म करके उसमें खाना बनाकर खाने के नुकसान भी जान लीजिए।

काले, धुएं वाला तेल, जिसे बार-बार गर्म किया जा रहा है, वह शरीर में एलडीएल या खराब कोलेस्ट्राल लेवल को बढ़ा सकता है। एलडीएल कोलेस्ट्राल का हाई लेवल हार्ट डिसीज, स्ट्रोक और सीने में दर्द का जोखिम बढ़ा सकता है। इसलिए कोलेस्ट्राल से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए कुकिंग आयल को दोबारा गर्म करने से बचें।

अगर तेल को बार-बार गर्म किया जाता है तो उसमें एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। अगर आपको पेट और गले में जलन महसूस होती है तो इसका कारक खाना बनाने वाला तेल भी हो सकता है। अगर आपको सामान्य से अधिक एसिडिटी का अनुभव होता है तो जंक और डीप प्रफाई फूड्स खाने से बचें। यदि इससे गले और पेट में जलन में आराम मिलता है तो इसका जवाब आपके पास है कि आपको क्या करना है।

सूरजमुखी या मकई के तेल जैसे कुछ वेजिटेवल आयल को फिर से गर्म करने से उसमें जहरीले तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे हृदय रोग, अल्जाइमर, डिमेंशइया और पार्किंसंस जैसी कई स्थितियों पैदा हो जाती हैं। वेजिटेबल तेल को दोबारा गर्म करने पर 4-हाइड्राक्सी-ट्रांस-2-नामिनल नामक एक अन्य जहर निकलता है, जो डीएनए, आरएनए और प्रोटीन को सही तरह से काम करने से रोकता है।

कुकिंग आयल में ट्रांस फैटी एसिड होते हैं जो दोबारा गर्म करने पर बढ़ जाते हैं। ट्रांस फैट सैचुरेटेड फैट से भी बुरे होते हैं क्योंकि ये न केवल खराब कोलेस्ट्राल लेवल को बढ़ाते हैं बल्कि अच्छे कोलेस्ट्राल के लेवल को भी कम कर देते हैं। इसके कारण पार्किंसंस रोग, हार्ट डिसीज, स्ट्रोक, कैंसर और विभिन्न लिवर जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

कैंसर का जोखिम बढ़ाएः तेल को दोबारा गर्म करने से वह कार्सिनोजेनिक हो जाता है। कार्सिनोजेन ऐसा एजेंट होता है जो कैंसर का कारण बनता है। रिसर्च के मुताबिक जब तेल को बार-बार गर्म किया जाता है तो उसमें एल्डिहाइड यानि जहरीले तत्व पैदा हो जाते हैं। फिर अगर कोई उस तेल में बने खाने को खाता है तो शरीर में टाक्सिन्स पहुंच जाते हैं, जिससे शरीर को नुकसान हो सकता है। वहीं अधिक मात्रा में ऐसे तेल का प्रयोग करके कैंसर का जोखिम भी बढ़ सकता है। शरीर में टाक्सिन्स की मात्रा बढ़ने से मोटापा, हार्ट डिसीज और डायबिटीज समेत कई बीमारियां हो जाती हैं।

कुछ एक्सपर्ट बताते हैं कि दोबारा गर्म किए गए तेल में बना खाने से शरीर पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं। लेकिन अगर पहली बार में तेल को अधिक आंच पर और अधिक देर तक गर्म नहीं किया गया है तो उसे दोबारा गर्म कर सकते हैं। तलने से पहले खाने में नमक डालने से बचें क्योंकि नमक के कारण तेल से जल्दी धुंआ निकलने लगता है और अगर एक बार तेल से धुंआ निकलने लगे तो वह उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता।

शनिवार, 21 मई 2022

सड़क-डेटा रजिस्टर बनाने के आदेश

 उत्तराखंड के सभी नगर निगमों, पालिका क्षेत्रोें के सड़क-डेटा रजिस्टर बनाने के उत्तराखंड सूचना आयोेग के आदेश
सड़क, डेटा, रजिस्टर सम्बन्धी शासनादेश अवहेलना करने वाले अधिकारी, कर्मचारियों के विरूद्व कार्यवाही के भी आदेश
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन की अपील पर सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र का कड़ा आदेश



संवाददाता

देहरादून। उत्तराखंड  सूचना आयोग ने उत्तराखंड के सभी नगर निगम, नगर पालिका क्षेत्रों में आने वाले मार्गों की सूची माप पुस्तिका में दर्ज कराने केे एवं सड़क डेेटा-रजिस्टर बनाकर स्थायी अभिलेख रखने का आदेेश उत्तराखंड शासन के सचिव शहरी विकास को दिया है। यह आदेश सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र ने सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन की अपील सं0 33031 पर दिया हैै।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने काशीपुर नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी से नगर निगम में लागू सम्पत्ति कर की दरों तथा नगर निगम क्षेत्र में मार्गों की चौड़ाई की सूचना 8 बिन्दुओं पर मांगी थी। जिसमें सम्पत्ति कर दरों सम्बन्धी आंशिक सूचना के अतिरिक्त अन्य सूचनायें नहीं उपलब्ध करानेे पर प्रथम अपीलीय अधिकारी/नगर आयुक्त को अपील की। जिनके सूचना उपलब्ध कराने के आदेश के बाद सूचना न उपलब्ध कराने पर उत्तराखंड सूचना आयोग में द्वितीय अपील की गयी। अपील के बाद लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना धारित नहीं है लिखित करते हुये पत्र दिया लेकिन वांछित सूचना नहीं उपलब्ध करायी।

मई 2022 में हुई द्वितीय अपील सं0 33031 की सुनवाई में सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र ने सड़कों की चौैड़ाई सम्बन्धी सूचनायें उपलब्ध न होने तथा सड़क डेटा-रजिस्टर न बनाने पर कड़ा रूख अपनाया। सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र ने अपने निर्णय व आदेश दिनांक 09-05-22 में स्पष्ट लिखा कि अपीलार्थी द्वारा अनुरोध पत्र में मांगी गयी नगर निगम के क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न चौैड़ाई के मार्गों की संख्या की सूचनायें किसी भी नगर निगम या शहरी विकास के कार्यों के लिये बहुत महत्वपूर्ण है, जिसकी उपलब्ध्ता होने पर सभी विकास कार्य जैसे सड़क निर्माण कार्य, जन सुविधयें देना आदि कार्य जनहित में सुचारू रूप से नगर निगम कर सकता हैै। 

इस प्रकार के उपलब्ध आंकड़े सम्पत्ति कर निर्धरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। यह अत्यन्त आश्चर्यजनक बात हैै कि नगर निगम द्वारा इस बात का अब तक ध्यान नहीं रखा गया हैै। अपीलार्थी द्वारा बताया गया हैै कि इस प्रकार के आंकड़े हरिद्वार-ऋषिकेश नगर निगमों में उपलब्ध है। इसकी सत्यता पर टिप्पणी करे बगैर यह कहना उचित होगा कि इस प्रकार के आंकड़े सभी शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध होने चाहिये। यदि विभागीय अपीलीय अधिकारी अथवा लोक प्राधिकारी नगर क्षेत्र के सड़क डेट-रजिस्टर का निरीक्षण कर लेते तो उन्हें ज्ञात होता कि उनमें सूचना धारित हैै अथवा नहीं औैर यदि वांछित सूचना धारित नहीं थी तथा निगम के नियमों केे अनुसार सड़क डेटा/रजिस्टर रखना अनिवार्य था तो विभागीय अपीलीय अधिकारी को तुरन्त उक्त रजिस्टर बनाने के आदेश देने चाहिए थे, ऐसा न करके उन्होंने आयोग और अपीलार्थी दोेनों का समय बर्बाद किया हैै। अतः नगर निगम, काशीपुर को आदेशित किया जाता हैै कि वे निगम क्षेत्र से सम्बन्धित सभी सड़़क डेटा/रजिस्टर यथाशीघ्र तैयार करें ताकि आम नागरिक को इस प्रकार के आंकडे़ आसानी से उपलब्ध हो सके। साथ ही लोक सूचना अधिकारी को आदेशित किया जाता हैै कि अनुरोध पत्र के बिन्दु संख्या 4.1 की शेष सूचना अपीलार्थी को 10 दिन के भीतर उपलब्ध करायें तथा सड़क डेटा/रजिस्टर तैयार होते ही मांगी गयी सूचना अपीलार्थी को देना सुनिश्चित करें।

सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र ने आदेश की एक प्रति सचिव शहरी विकास उत्तराखंड शासन देहरादून को इस आशय सेे प्रेषित की हैै कि यदि शासन द्वारा नगर निगम काशीपुर को सड़क डेटा/रजिस्टर रखने के शासनादेश पहले से ही जारी किये गये हैं तो काशीपुर नगर निगम के उन जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्व उचित कार्यवाही करना सुनिश्चित करें जिन्होंने उक्त शासनादेशों की अवहेलना की। यदि पूर्व में इस प्रकार के शासनादेेश नहीं दिये गये हैैं तो वे काशीपुर नगर निगम के साथ-साथ नगर निगम/नगर पालिका क्षेत्रों में आने वाले मार्गों की सूची, माप पुस्तिका में दर्ज कराने के एवं सड़क डेटा/रजिस्टर बनाकर स्थायी अभिलेख रखने के आदेश पारित करना सुनिश्चित करें, तथा अनुपालन आख्या से आयोग को भी अवगत कराये।

टूर आफ ड्यूटी के तहत चार साल के लिए होगी सेना में भर्ती

टूर आफ ड्यूटी के तहत चार साल के लिए होगी सेना में भर्ती 



एजेंसी

नई दिल्ली। भारतीय सेना, नेवी और एयरपफोर्स में अब सैनिकों की सभी भर्तियां टूर आफ ड्यूटी (टीओडी) के तहत होंगी। सूत्रों के मुताबिक इसकी रूपरेखा फाइनल कर ली गई है। इसी महीने इसका ऐलान करने की तैयारी है। यह तय किया गया है कि टीओडी के तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक टीओडी के तहत जितने युवाओं की भर्ती होगी वह चार साल के लिए ही होगी। बाद में तय किया जाएगा कि इनमें से कितनों को परमानेंट किया जाना है। कौन परमानेंट होगा इसके लिए सिलेक्शन बोर्ड बनाया जाएगा, जो सैनिकों की प्रोफेशनल दक्षता के आधार पर उनका चयन करेगा। एक अधिकारी के मुताबिक जिस तरह आफिसर रैंक में काबिलियत के हिसाब से आगे बढ़ते हैं उसी तरह सैनिक भी अपनी योग्यता के हिसाब से परमानेंट होंगे। शार्ट सर्विस कमिशन के तहत जो अधिकारी आते हैं उनमें से भी करीब 20-25 पर्सेंट को ही परमानेंट कमिशन मिल पाता है।

सैनिकों के रिक्रूटमेंट का तरीका अभी वही रहेगा जो अब तक रहा है। बाद में धीरे धीरे इसमें बदलाव करने की भी योजना है। बाद में रिक्रूटमेंट के लिए पैटर्न चेंज कर लिखित परीक्षा पहले और फिजिकल टेस्ट बाद में किया जा सकता है। जो युवा टूर आफ ड्यूटी के तहत आएंगे, उनकी छह महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग होगी। अमूमन 18 साल में युवा सेना में आएंगे और चार साल बाद बाहर निकलेंगे तो उनकी उम्र 21-22 साल की होगी। सेना से निकलकर ये युवा दूसरा रोजगार कर सकें इसलिए चार साल की सर्विस के दौरान ही इन्हें प्रोफेशनल डिग्री और डिप्लोमा कोर्स भी कराए जाएंगे। जब युवा रिक्रूट होंगे तो उन्हें करीब 30 हजार रुपये सैलरी मिलेगी।

टीओडी के तहत सैनिकों को सेना से बाहर होने पर न तो पेंशन मिलेगी न ही ईसीएचएस जैसी कोई स्वास्थ्य स्कीम का फायदा मिलेगा। लेकिन चार साल की सर्विस के बाद जब वह बाहर होंगे तो उन्हें एकमुश्त करीब 10-12 लाख रुपये दिए जाएंगे। अगर सर्विस के दौरान ड्यूटी पर किसी सैनिक की मौत हो जाती है तो परिवार को इंश्योरेंस अमाउंट के तौर पर करीब 45-50 लाख रुपये मिलेंगे। जो बैलेंस सर्विस बची होगी उसकी सैलरी भी परिवार को मिलेगी।

अभी जो सैनिक सूबेदार मेजर तक जाते हैं तब तक वह 50 साल के हो जाते हैं। इस तरह देखा जाए तो सेना में सैनिकों की एवरेज उम्र करीब 35-36 साल है। टीओडी लागू होने के बाद एज प्रोफाइल कम हो जाएगा और सेना ज्यादा यंग हो जाएगी। टीओडी लागू होने के चार-पांच साल बाद सैनिकों की एवरेज ऐज 25-26 साल हो जाएगी।

मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी

 मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी संवाददाता देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण न...