उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने प्रबंध निदेशक यूपीसीएल को लिखा पत्र
अवर अभियंता से सहायक अभियंता के रिक्त पदों पर यथाशीघ्र प्रोन्नति आदेश जारी करने की माँग की
प०नि० संवाददाता
देहरादून। उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने
प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल को अवर अभियंता से सहायक अभियंता के रिक्त पदों पर यथाशीघ्र प्रोन्नति आदेश जारी करने की माँग की है।
केन्द्रीय अध्यक्ष जीएन कोठियाल ने प्रबन्ध निदेशक को लिखे पत्र में कहा कि 17/7/19 को पदोन्नति मामले में कमेटी गठित की गयी।इसी दिन माननीया ऊर्जा सचिव के निर्देशानुसार एसोसिएशन से वार्ता भी हुई। उन्होंने कहा कि 2004-05 की वरिष्ठता में कोई विवाद नहीं है । मात्र 15 अवर अभियंताओं की प्रोन्नति इसी सूची से की जानी है। 2007-08 की वरिष्ठता मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने वरिष्ठता पुनः निर्धारण के आदेश दिये थे। उन्होंने कहा कि इसका अभिप्राय यह तो नहीं है कि 2004-05 की वरिष्ठता प्रभावित की जाए।
केन्द्रीय अध्यक्ष ने प्रबन्ध निदेशक से सवाल करते हुए कहा कि क्या पांच सदस्यीय कमेटी माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों को बदलने में सक्षम है। प्रबन्धन बार बार प्रोन्नति करने का आश्वाशन क्यों देता रहा। जिन अवर अभियंताओं की प्रोन्नति होनी है, उन्हें सहायक अभियंता के पद का प्रभार क्यों दिया गया। अवर अभियंताओं की कमी पूरी करने के लिये भर्ती करना क्या प्रबन्धन का कार्य नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि जानबूझकर प्रोन्नत होने वाले अवर अभियंताओं को प्रताड़ना देना क्या न्यायोचित है।
केन्द्रीय अध्यक्ष ने प्रबन्धन पर ऊर्जा सचिव महोदया को भी गुमराह करने का आरोप लगाया। जीएन कोठियाल ने कहा कि ऊर्जा सचिव महोदया ने 17/7/19 को तुरन्त समस्या का समाधान करते हुए प्रोन्नति के लिये कहा था। उन्होंने कहा कि निदेशक मानव संसाधन द्वारा 18/12/18 को प्रोन्नति की फ़ाइल प्रेषित की गयी थी, जबकि 17/7/19 तक प्रबन्धन ने इसे रोके रखा एवं इसी दिन कमेटी गठित कर दी एवं एसोसिएशन को शीघ्र प्रोन्नति किये जाने का आश्वाशन देते रहे। उन्होंने प्रवंधन से सवाल किया कि क्या 14 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद भी अवर अभियंता प्रोन्नति का हकदार नहीं है। जब प्रोन्नति की सीटें खाली हैं तो आखिर ये अन्याय क्यों।
केन्द्रीय अध्यक्ष ने प्रबन्धन से प्रोन्नति मामले में चूहे बिल्ली का खेल खत्म करते हुए समस्त पहलुओं को ध्यान में रखकर यथाशीघ्र प्रोन्नति आदेश पारित करने की माँग की