देहरादून को नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) में शामिल किये जाने का स्वागत
प्रदुषण कम करने की दिशा में मिलेगा लाभ: गति
संवाददाता
देहरादून। गति फाउंडेशन ने देहरादून को केन्द्र सरकार के नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) में शामिल किये जाने का स्वागत किया है। एनसीएपी भारत सरकार की वायु प्रदुषण से निपटने के लिए सबसे प्रभाशाली योजना है । एनसीएपीके तहत सम्मिलिति शहरों को चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2024 मे 2017 की बेसलाइन तुलना से 20 से 30 प्रतिशत वायु प्रदुषण कम करना है । इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए समग्र सिटी एयर एक्शन प्लान बनाने पर काम करना पड़ेगा ।
देहरादून। गति फाउंडेशन ने देहरादून को केन्द्र सरकार के नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) में शामिल किये जाने का स्वागत किया है। एनसीएपी भारत सरकार की वायु प्रदुषण से निपटने के लिए सबसे प्रभाशाली योजना है । एनसीएपीके तहत सम्मिलिति शहरों को चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2024 मे 2017 की बेसलाइन तुलना से 20 से 30 प्रतिशत वायु प्रदुषण कम करना है । इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए समग्र सिटी एयर एक्शन प्लान बनाने पर काम करना पड़ेगा ।
एक प्रेस नोट मे फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने कहा कि इससे देहरादून में बढ़ रहे वायु प्रदूषण से निपटने में सहायता मिलेगी। अनूप नौटियाल ने कहा कि अब तक इस प्रोग्राम में देशभर के 102 शहरों को शामिल किया गया था। इनमें उत्तराखंड के ऋषिकेश और काशीपुर शहर शामिल थे, अब देहरादून सहित देश के 20 अन्य शहरों को इस प्रोग्राम में शामिल किया गया है।
अनूप नौटियाल के अनुसार देहरादून को इस प्रोग्राम में शामिल किये जाने की आवश्यकता पहले से महसूस की जा रही थी। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि देहरादून में पीएम-10 की मात्रा सामान्य से तीन से पांच गुना तक अधिक है। शहर में आईएसबीटी, घंटाघर और रायपुर में वायु प्रदूषण मापा जाता है और इन तीनों जगहों पर प्रदूषण सामान्य से अधिक रहता है। ऋषिकेश और काशीपुर की स्थिति वायु प्रदूषण के मामले में देहरादून से बेहतर है।
अनूप नौटियाल का कहना है कि देहरादून को इस प्रोग्राम में शामिल किये जाने से सभी सरकारी विभागों में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सामंजस्य स्थापित हो सकेगा और देहरादून शहर और दून घाटी में प्रदूषण नियंत्रण के जो प्रयास किये जा रहे हैं उनमें तेजी आएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकारी विभागों के समन्वित प्रयास और जनभागीदारी से आने वाले समय में देहरादून के लोगों को सांस लेने के लिए बेहतर हवा मिल सकेगी।
अनूप नौटियाल के अनुसार देहरादून को इस प्रोग्राम में शामिल किये जाने की आवश्यकता पहले से महसूस की जा रही थी। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि देहरादून में पीएम-10 की मात्रा सामान्य से तीन से पांच गुना तक अधिक है। शहर में आईएसबीटी, घंटाघर और रायपुर में वायु प्रदूषण मापा जाता है और इन तीनों जगहों पर प्रदूषण सामान्य से अधिक रहता है। ऋषिकेश और काशीपुर की स्थिति वायु प्रदूषण के मामले में देहरादून से बेहतर है।
अनूप नौटियाल का कहना है कि देहरादून को इस प्रोग्राम में शामिल किये जाने से सभी सरकारी विभागों में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सामंजस्य स्थापित हो सकेगा और देहरादून शहर और दून घाटी में प्रदूषण नियंत्रण के जो प्रयास किये जा रहे हैं उनमें तेजी आएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकारी विभागों के समन्वित प्रयास और जनभागीदारी से आने वाले समय में देहरादून के लोगों को सांस लेने के लिए बेहतर हवा मिल सकेगी।