'हरामी नाला' जहां से घुसने की फिराक में हैं पाकिस्तान के कमांडो
पाकिस्तान प्रशिक्षित 'कमांडो' के घुसने की सूचना के बाद गुजरात के तटीय इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खुफिया सूचना मिली है कि ये कमांडो सरक्रीक इलाके में 'हरामी नाला' के जरिए भारत में प्रवेश कर सकते हैं।
एजेंसी
अहमदाबाद। पानी के अंदर हमला करने में सक्षम पाकिस्तान प्रशिक्षित 'कमांडो' के कच्छ की खाड़ी के पास घुसने या घुसने का प्रयास करने की केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की सूचना के बाद शुक्रवार को गुजरात तट पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। खुफिया सूचना मिली थी कि ये कमांडो सरक्रीक इलाके में 'हरामी नाला' के जरिए भारत में प्रवेश कर सकते हैं। कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच इस ना'पाक' चाल से निपटने के लिए सभी बंदरगाहों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई।
हरामी नाला गुजरात के कच्छ इलाके में भारत और पाकिस्तान को बांटने वाला 22 किमी लंबा समुद्री चैनल है। यह दोनों देशों के बीच सर क्रीक इलाके की 96 किलोमीटर विवादित सीमा का हिस्सा है। 22 किमी हरामी नाला घुसपैठियों और तस्करों के लिए स्वर्ग के समान है। इसी वजह से इसका नाम 'हरामी नाला' रखा गया है। यहां पानी का स्तर ज्वार-भाटे और मौसम की वजह से लगातार बदलता रहता है। इसीलिए इसे बेहद खतरनाक भी माना जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि वर्ष 2008 में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भारतीय मछली पकड़ने वाली नौका 'कुबेर' को सर क्रीक तट से जब्त किया और वहां से वे गुजरात आए और मुंबई पर हमला किया। इस इलाके में अक्सर पाकिस्तान की खाली पड़ी नावें जब्त की जाती हैं। हरामी नाले के अंदर मछली पकड़ने पर रोक है लेकिन इसके अंदर झींगा मछली और रेड सैमैन मछली पाई जाती है जिनकी काफी मांग है। इस कारण से यह नाला भारत और पाकिस्तान दोनों के मछुआरों के लिए पसंदीदा जगह माना जाता है।
दीनदयाल (कांडला) पोर्ट और अडानी द्वारा संचालित मुंद्रा पोर्ट और राज्य सरकार को दी गई खुफिया सूचना के मुताबिक पाकिस्तान प्रशिक्षित कमांडो हरामी नाला, खवडा या नजदीकी इलाकों से भारत में प्रवेश कर सकते हैं। यह अलर्ट ऐसे समय पर आया है जब जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद पाकिस्तान परमाणु युद्ध की धमकी दे रहा है। इससे पहले 27 अगस्त को नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने खुफिया सूचना के हवाले से कहा था कि जैश-ए-मोहम्मद ने अपनी एक समुद्री विंग बनाई है और आतंकवादियों को पानी के अंदर हमला करने का प्रशिक्षण दे रहा है।
बता दें कि कच्छ इलाके में कई तेल रिफाइनरियां हैं जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, मुंद्रा और दीन दयाल पोर्ट और कई बड़े पावर प्लांट हैं। इसके अलावा द्वारका में भगवान कृष्ण का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों यात्री आते हैं। जैश के आतंकवादियों के निशाने पर खंभात की बेहद व्यस्त खाड़ी भी हो सकती है। गुजरात मेरीटाइम बोर्ड के मुताबिक खंभात की खाड़ी में इस समय करीब 50 जहाज गुजर रहे हैं। इसके अलावा कच्छ की खाड़ी में 100 बड़े जहाज तथा 300 नौकाएं रहती हैं।
खुफिया सूत्रों ने बताया कि जैश ने कई 'गोताखोर' तैयार किए हैं जो लंबी दूरी तक तैरने के लिए प्रशिक्षित किए गए हैं और ये पानी के अंदर से हमला कर सकते हैं। उन्होंने कहा, 'इस तरह के प्रशिक्षण की वजह से वे समुद्र, नदी या झीलों के रास्ते महत्वपूर्ण स्थानों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। चूंकि ज्यादातर सुरक्षा जमीनी रास्ते से की जाती है, इस कमी का आतंकी फायदा उठाने का प्रयास कर सकते हैं।' उन्होंने कहा कि मुंबई हमले के बाद समुद्र तटीय इलाके की सुरक्षा मजबूत की गई है। गुजरात सरकार ने भी तटीय सुरक्षा को बढ़ा दिया है।