रविवार, 4 अगस्त 2019

कुदरत पर भला किसका जोर चलता है!

पहाड़ों में आल वेदर रोड़ की परिकल्पना हमेशा संदिग्ध रहेगी
कुदरत पर भला किसका जोर चलता है!
चेतन सिंह खड़का
देहरादून। भले ही प्रदेश में आल वेदर रोड़ का काम तेजी से चल रहा है लेकिन बरसात के मौसम में यात्रा मार्ग में हो रही दुर्घटनाओं में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। इसपर लोगों का मानना है कि आल वेदर का निर्माण कार्य ही ज्यादातर दुर्घटनाओं का कारण बन रहे है।
हालांकि आल वेदर रोड़ का कंसेप्ट ही संदिग्ध लगता है क्योंकि पर्वतीय क्षेत्रों में आल वेदर रोड़ की कल्पना करना भी बेमानी है खासकर बारिश के मौसम में जबकि वहां पर भूस्खलन आदि घटनाएं अक्सर होती रहती है। वैसे भी कुदरत के आगे इंसानों का जोर कहां चलता है। जो मर्जी इंतजाम कर लो, सड़कों को नुकसान तो होगा ही। 
हाल फिलहाल जिस तरह से लगातार यात्रा मार्ग पर सड़कें यात्रियों की जान ले रहीं है, उसे देखते हुए यात्रा के जारी रखने का जोखिम लेने में समझदारी नजर नही आती। प्रदेश सरकार की कमाई या झूठी वाहवाही से लोगों की जान ज्यादा कीमती है। उसे दांव पर नही लगाया जाना चाहिये। इस सच्चाई तो मान लेने में बेहतरी है कि बरसात के दिनों में पहाड़ों में यात्रा का अपना जोखिम है।
इस तरह यात्रा के नाम पर लोगों को बेमौत मरने के लिए नही छोड़ा जा सकता। इसलिए वर्तमान हालात और बरसात के जोखिम को देखते हुए जब तक बरसात का जोर कम नही हो जाता, यात्रा को निलंबित कर दिया जाना चाहिये ताकि आस्थावान यात्रियों को जनधन की हानि न होने पाये। 
यह हैरानी की बात है कि इतनी दुर्घटनाओं के बावजूद न सरकार इसपर विचार कर रही है और न विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर ऐसी मांग कर रहा है कि दुर्घटनाओं को रोका जाये। यह अनदेखी हैान करने वाली है। जरा सी बरसात होने की आशंका मात्र पर यहां स्कूलों में छुट्टी कर दी जाती है लेकिन सड़क पर हो रही मौतों पर किसी का ध्यान नही जा रहा।


मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी

 मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी संवाददाता देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण न...