लड़के ने सबसे कम उम्र में पास की महापरीक्षा, मोदी ने दी बधाई
16 साल के प्रियव्रत ने इतिहास रचा है। अपने पिता के साथ प्रियव्रत ने वेदों और न्याय का अध्ययन करते हुए सभी व्याकरण ग्रंथों का अध्ययन किया।
एजेंसी
नई दिल्ली। भारत की संस्कृति बहुआयामी है। अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाते हुए 16 साल के प्रियव्रत ने इतिहास रचा है। अपने पिता के साथ प्रियव्रत ने वेदों और न्याय का अध्ययन करते हुए सभी व्याकरण ग्रंथों का अध्ययन किया। उन्होंने तेनाली परीक्षा (महापरीक्षा) के 14 स्तरों को सबसे कम समय में पास करने की सफलता हासिल की है।
उनकी इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा कि इस उपलब्धि के लिए प्रियव्रत को बधाई, उनकी उपलब्धि कई लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में काम करेगी।
इस परीक्षा को तेनाली परीक्षा भी कहते हैं। इसमें भारतीय वेदों और शस्त्रों अध्ययन किया जाता है। इस परीक्षा के14 स्तर होते हैं। सभी स्तरों को पास करने लिए छात्र काफी कठिन परिश्रम करते हैं। महज 16 साल की आयु में प्रियव्रता ने इस परीक्षा के सभी स्तरों को पास करके इतिहास रच दिया है।
प्रियव्रता ने अपनी मां अपर्णा और पिता देवदत्ता पाटिल की मदद से मुकाम हासिल किया। उनके पिता ने उन्हें वेद पढ़ाने में पूरा सहयोग किया। अक्सर माता-पिता अपने बच्चों को शस्त्रों की पढ़ाई कराने के लिए आगे नहीं बढ़ते हैं, लेकिन प्रियव्रता के माता-पिता ने काफी अहम भूमिका निभाई है।