सीरियल अटैक की तीसरी कड़ी में मुख्यमन्त्री खनन डील मामले में कब करायेगें अपनी सी0बी0आई0 जाँच: मोर्चा
- वर्ष 2017 में खनन पट्टों/क्रसरों आदि पर लगायी थी रोक।
- हिमाचल, हरियाणा, उ0प्र0 के माफियाओं से हुई थी सैकड़ों करोड़ की डील।
- प्रदेश की जनता लुटती रही बाहर के माफियाओं के हाथ।
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने बयान जारी कर कहा कि मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बयान ''भ्रष्टाचार है तो तुरन्त बतायें'' की कड़ी में मोर्चा द्वारा सीरियल अटैक किये जाने की घोषणा की गयी थी।
उक्त मामले में तीसरा प्रहार करते हुए नेगी ने कहा कि मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र द्वारा सत्ता सम्भालते ही 09.05.2017 को एक आदेश जारी किया कि राज्य में आचार संहिता लागू होने से 15 दिन पूर्व के समस्त खनन पट्टों/स्टोन क्रशर/हाॅट मिक्स भण्डारण आदि की एक कमेटी के माध्यम से जाँच करायी जायेगी, जिससे उक्त सभी प्रकार की खनन क्रियायें बन्द हो गयी तथा इस आदेश को अप्रत्यक्ष तौर पर सभी खनन पट्टों आदि पर लागू करवाकर प्रदेश में कारोबार बन्द करवा दिया। जाँच कमेटी के सदस्य केन्द्रीय मृदा एवं जल संरक्षण द्वारा 48 घंटे के भीतर अपनी असमर्थता जता दी गयी थी।
उक्त खनन बन्दी के चलते अन्य प्रदेशों से हजारों की संख्या में रोजाना ट्रक खनन सामग्री लेकर उत्तराखण्ड में आपूर्ति करने लगे तथा मनमाने दाम पर लोगों को लूटने लगे।
मोर्चा द्वारा जब मुख्यमन्त्री, जिनके पास उद्योग (खनिज) विभाग का प्रभार भी है, के खिलाफ आन्दोलन चलाया गया, जिससे विवश होकर 03.01.2018 को उक्त पूर्ववर्ती आदेश 09.05.2017 को यह कहकर बिना कमेटी से जाँच कराये, निरस्त कर दिया कि प्रदेश को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है।
मोर्चा मुख्यमन्त्री से मांग करता है कि खनन डील के मामले में अपने खिलाफ सी0बी0आई0 जाँच कब करायेंगे।