गुरुवार, 10 अक्टूबर 2019

150 ट्रेन और 50 स्टेशन प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी

तेजस के बाद 150 ट्रेन और 50 स्टेशन प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी



रेल मंत्री और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत के बीच बातचीत के बाद रेल मंत्रालय ने यह फैसला किया
एजेंसी
नई दिल्ली। तेजस ट्रेन के बाद 150 ट्रेन और 50 स्टेशनों को प्राइवेट हाथों में सौंपने के लिए रेल मंत्रालय ने कवायद शुरू कर दी है। सचिव स्तर के एम्पावरड ग्रुप को यह टास्क सौंपा गया है। रेल मंत्री और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत के बीच बातचीत के बाद रेल मंत्रालय ने यह फैसला किया है। रेल मंत्री से बैठक के बाद नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव पत्र लिखा जिसके मुताबिक यह तय हुआ है कि पहले चरण में 150 ट्रेनों के परिचालन का काम प्राइवेट ऑपरेटरों को दिया जाएगा। 
पत्र में नीति आयोग के सीईओ ने लिखा है कि जैसा आपको जानकारी है कि रेलवे को 400 रेलवे स्टेशनों को चुनकर उन्हें वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाना था। लेकिन यह प्रतिबद्धता कई सालों से जताई जा रही थी। इसके बाद भी वास्तव में ऐसा नहीं हो पाया, सिर्फ गिने चुने मामलों को छोड़कर, जहां पर ईपीसी मोड के जरिए काम हुआ था।
साथ ही कहा गया है कि मैंने रेल मंत्री से विस्तृत बातचीत की, जहां पर यह महसूस किया गया कि कम से कम 50 स्टेशनों के लिए यह काम प्राथमिकता के साथ किया जाना चाहिए। जिस तरह 6 एयरपोर्ट को प्राइवेट हाथों में सौंपा गया, उसी तरह सचिव स्तर का एम्पावरड ग्रुप बनाकर यह काम करने की जरूरत है। इस ग्रुप में नीति आयोग के सीईओ, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव, शहरी एवं विकास मंत्रालय के सचिव शामिल हो सकते हैं। साथ ही पत्र में लिखा गया है कि शुरुआती चरण में 150 ट्रेनों को प्राइवेट हाथों में सौंपा जाएगा। 
बता दें कि तेजस एक्‍सप्रेस देश की पहली प्राइवेट ट्रेन है। प्राइवेट ट्रेन जस एक्‍सप्रेस से यात्रा करने वाले यात्रियों को यदि ट्रेन नियत समय पर नहीं पहुंचाती है तो इसके बदले यात्रियों को मुआवजा दिया जाएगा। दिल्ली-लखनऊ के बीच चलने वाली इस प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस को लेकर आईआरसीटीसी पहले ही घोषणा कर चुकी है। रेलवे की सहायक कंपनी के अनुसार, अगर यह ट्रेन अपने नियत समय से लेट होती है, तो यात्रियों को मुआवजा दिया जाएगा। इस नियम के अनुसार अगर ट्रेन एक घंटे से अधिक लेट होती है, तो यात्री को 100 रुपये और दो घंटे से ज्यादा लेट होती है, तो 250 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इतना ही नहीं ट्रेन के यात्रियों को 25 लाख रुपये का बीमा भी दिया जाएगा। इसके अलावा अगर यात्रा के दौरान लूटपाट या सामान चोरी होता है, तो एक लाख रुपये तक मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे।


 


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