परमात्मा से नाता जुड़कर ही हो सकता है आत्मा का उद्वारः राजीव बिजल्वाण
संवाददाता
देहरादून। परमात्मा की जानकारी सद्गुरु की कृपा से होती है। यह जानकारी ही परमज्ञान है। उक्त उद्गार संत निरंकारी सत्संग भवन हरिद्वार बाईपास रोड में आयोजित सत्संग कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्थानीय ज्ञान प्रचारक राजीव बिजल्वाण ने व्यक्त किये।
उन्होंने सद्गुरु सविन्दर महाराज का पावन सन्देश को देते हुए कहा कि गुरु का वचन ही ज्ञान है और निरंकार इस ज्ञान से प्राप्त होता है। जब तक ज्ञान नहीं होता। वस्तु अगर हमारे पास हो, तब भी हम उसका लाभ नहीं उठा सकते। हमारे घर में दबी हुई दौलत हमारी कंगाली दूर नहीं कर सकती। जब वह प्रकट होती है, हमें प्राप्त होती है, तभी हम माालामाल होते हैं। इसी तरह से यह परमात्मा रूपी दौलत हमारे अंग-संग है, पर सद्गुरु का वचन ही इसका ज्ञान कराता है और तभी हम इसका आनन्द ले पाते है।
उनका कहना था कि इसी तरह जब हम परमपिता-परमात्मा का जान लेते है तो हमारी आत्मा जिसको काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, जैसे ताकतवर दुश्मनों ने घेर रखा था, सब डर कर पीछे हट जाते हैं और एक प्रभु परमात्मा से नाता जुड़ता है।
इस अवसर पर स्थानीय संयोजक कलम सिंह रावत अवगत कराया कि सद्गुरू सुदीक्षा महाराज के कर कमलों द्वारा 72वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के लिए स्वैच्छिक सेवा का उद्घाटन किया गया। यह समागम 16 से 18 नवम्बर तक संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा में जीटीरोड के पास होने जा रहा है।
बता दें कि समागम सेवा में देशभर से हजारों सेवादल, स्वयंसेवक और श्रद्वालु आ रहे हैं। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के आस-पास के क्षेत्रों से समागम स्थल पर प्रतिदिन सेवा के लिए सेवा की शुरूआत की जायेगी। मंच संचालन शशि बिष्ट ने किया।