शनिवार, 26 अक्टूबर 2019

आईएएस-आईपीएस कौन ज्यादा पावरफुल!

आईएएस-आईपीएस कौन ज्यादा पावरफुल!



प0नि0डेस्क
देहरादून। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) की परीक्षा सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। ऐसे में आईएएस-आईपीएस में से कौन सा पद ज्यादा शक्तिशाली होता है और क्यों?
आईएएस (इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस) जिसके जरिए ब्यूरोक्रेसी में एंट्री होती है। आईएएस में चुने गए उम्मीदवार विभिन्न मंत्रालयों-विभागों या जिलों के मुखिया होते हैं। आईएएस अफसर भारतीय नौकरशाही के सबसे बड़े पद कैबिनेट सेक्रेटरी तक भी जा सकते हैं।
वहीं आईपीएस यानी इंडियन पुलिस सर्विस के जरिए आप पुलिस महकमे के आला अफसरों में शुमार होते हैं। इसमें ट्रेनी आईपीएस से डीजीपी या इंटेलिजेंस ब्यूरो, सीबीआई चीफ तक पहुंचा जा सकता है। यूपीएससी परीक्षा के 3 माध्यम से आयोजित की जाती है। जिसमें 3 लेवल होते हैं। 1. प्रीलिम्स, 2. मेंस परीक्षा , 2. इंटरव्यू।
आईएएस और आईपीएस में आईएएस का कोई ड्रेस कोड नहीं होता। वह हमेशा फॉर्मल ड्रेस में रहते हैं, लेकिन एक आईपीएस हमेशा ड्यूटी के दौरान वर्दी पहनते हैं। एक आईएएस के साथ एक या दो अंगरक्षक मिलेंगे। वहीं एक आईपीएस के साथ पूरी पुलिस फोर्स चलती है।
एक आईएएस अधिकारी लोक प्रशासन और नीति निर्माण और कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होता है। सरकार जो नीतियां बनाती है उन्हें लागू करवाने काम आईएएस अधिकारी का होता है। वहीं एक आईपीएस अधिकारी की कानून और व्यवस्था बनाए रखने और क्षेत्र में अपराध रोकने की जिम्मेदारी होती है। 
आईएएस तथा आईपीएस की शुरू के 3 महीने की ट्रेनिंग लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएए) में ही होती है। जिसे फाउंडेशन कोर्स भी कहते हैं। उसके बाद आईपीएस प्रशिक्षुओं को सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एसवीपीएनपी) हैदराबाद भेज दिया जाता है जहां उन्हें पुलिस की ट्रेनिंग दी जाती है। हम पहले ही बता चुके हैं जो उम्मीदवार आईएएस ट्रेनिंग में टॉप करता है उन्हें मेडल और आईपीएस ट्रेनिंग में टॉप करने वाले उम्मीदवार को स्वार्ड आफ आनर दिया जाता है। वैसे तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो आईपीएस की ट्रेनिंग ज्यादा मुश्किल होती है। इसमें घुड़सवारी, परेड, हथियार चलाना शामिल होता है।
आईएएस और आईपीएस में नियंत्रणकर्ता कौन है। आईएएस का नियंत्रणकर्ता कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय होता है। वहीं आईपीएस का नियंत्रणकर्ता गृह मंत्रालय होता है।
आईएएस तथा आईपीएस दोनों ही सेवाओं का जॉब प्रोफाइल सर्वाेच्च होता है और दोनों ही बहुत शक्तिशाली पद हैं। लेकिन आईएएस एक डीएम के रूप में काफी ज्यादा शक्तिशाली होता है। एक आईपीएस के पास केवल अपने विभाग की जिम्मेदारी होती है। डीएम के रूप में एक आईएएस अधिकारी, पुलिस विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों का भी मुखिया होता है।
आईएएस को आईपीएस से ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है। पहला कारण ये है कि राज्य का डायरेक्टर जनरल आपफ पुलिस (डीजीपी) राज्य का एक शक्तिशाली पुलिस अधिकारी होता है। लेकिन उसे गृह सचिव को रिपोर्ट करना पड़ता है।
सचिव रैंक का जो अधिकारी होता है, वह एक आईएएस अधिकारी होता है। ऐसे में आईपीएस अपनी रिपोर्ट आईएएस को रिपोर्ट करते हैं। वहीं अक्सर देखा जाता है सीबीआई, सीआरपीएफ, बीएसएफ जैसे केंद्रीय पुलिस बलों के सभी प्रमुख आईएएस सचिवों को रिपोर्ट करते हैं। ऐसे में एक आईपीएस को आईएएस के अंडर काम करना पड़ता है। आपको बता दें, डीजीपी को गृह सचिव को रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है और गृह सचिव डीजीपी का बॉस नहीं है। वह एक दूसरे के साथ समन्वय में काम करते हैं।


 


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