शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019

एक साइकिलिस्ट की पंच केदार यात्रा

सोहन रावत का फिटनेस मंत्र



एक साइकिलिस्ट की पंच केदार यात्रा

प०नि०संवाददाता

देहरादून। एक निजी तीर्थ यात्रा से भी समाज को संदेश दिया जा सकता है। वही हौसले बुलंद हो तो कठिन को भी सरल किया जा सकता है। कमोबेश यही बात साइकिलिस्ट सोहन रावत की पंच केदार यात्रा से निकल कर आती है।

उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों संग अपनी अपनी साइकिल यात्रा का अनुभव साझा करते हुए सोहन रावत ने पर्सनल फिटनेस के प्रति जागरूकता पर जोर दिया।

उन्होंने बताया कि उनकी पंच केदार यात्रा विशुद्ध रूप से तीर्थाटन ही था। इस दौरान उन्होंने साइकिल पर आना-जाना कुल मिलाकर 1465 किलोमीटर और करीब 130 किलोमीटर पैदल अपना सफर तय किया।

बकौल सोहन रावत इस वर्ष मई महीने में उन्होंने केदार यात्रा के दौरान ठान लिया की पंच केदार यात्रा का प्रयास करेंगे। अपने इरादों के साथ में साइकिल पर गंतव्य की ओर निकल पड़े। रावत ने बताया कि वह देहरादून से रुद्रप्रयाग के लिए निकले और दोपहर तक सकनी धार की चढ़ाई पार कर ली। शाम 7:00 बजे तक वे रुद्रप्रयाग पहुंच गए। अगले दिन रांसी और वहां से पैदल गोंडार गांव में विश्राम किया। फिर बाबा मद्महेश्वर के दर्शन कर वापस रांसी आ गए। जहां द्वितीय केदार के दर्शन पूरे हुए।

तृतीय केदार की यात्रा के दौरान उखीमठ से चोपता की चढ़ाई पारकर बाबा तुम नाथ के दरबार पर हाजरी लगाई। इसके बाद मंडल के जंगलों से गुजर कर सगर गांव आए। आगे की यात्रा कठिन थी। पनार बुग्याल के दुर्लभ रास्तों को पार कर उन्होंने बाबा रूद्र नाथ के दर्शन किए। यहां उन्होंने डोली यात्रा में भी प्रतिभाग किया।

बाबा गोपीनाथ के दर्शन कर हेलन एवं उरगम घाटी की 67 किलोमीटर की यात्रा कर बाबा कल्पेश्वर महादेव के दरबार में उपस्थिति दर्ज करायी। सोहन रावत इसके बाद बद्रीनाथ धाम की ओर चल पड़े। वाया जोशीमठ बद्रीनाथ धाम पहुंचकर उन्होंने बाबा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया।इस प्रकार उनकी पंच केदार यात्रा देहरादून वापसी के साथ पूरी हुई।

सोहन रावत ने कहा कि इस पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने लोगों से संवाद किया और खुद की फिटनेस के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि वह रोजाना करीब 45 किलोमीटर साइकिल में आना-जाना करते हैं, इससे वे खुद को फिट तो रखते ही हैं साथ ही पर्यावरण संतुलन में अपना योगदान भी हो जाता है।


निसंदेह साइकिलिस्ट सोहन रावत की पंच केदार यात्रा में सेहत के मंत्र छुपे हुए हैं। हालांकि यह सरल और सहज है लेकिन आधुनिकता की गतिशीलता ने प्रकृति के सिद्धांतों की उपेक्षा कर रखी है जिसकी वजह से तकलीफ आखिरकार हमें ही होती है। इसलिए साइकिलिस्ट सोहन रावत का मंत्र याद रखिए और स्वस्थ रहिए।

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