हाथ धोने को दें 20 सैकंड
हाथ धोने का सही तरीका आपको जानना चाहिये
प0नि0डेस्क
देहरादून। क्या आप जानते हैं कि हाथ धोने के लिए एक खास समय अवधि तय है और हाथ धोने का एक खास तरीका होता है। साथ ही सही तरीके से हैंड वॉशिंग कर कई तरह के इंफेक्शन्स और बीमारियों से बच सकते हैं। हाथ की स्वच्छता, अनेक प्रकार की बीमारियों और रोगाणुओं से बचाता है। साबुन और साफ पानी से हाथ धोने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है, तो अल्कोहल आधारित हैण्ड सैनिटाइजर का उपयोग किया जा सकता है।
दुनिया के कई देशों में वर्ष 1846 के दौरान कई ऐसी बीमारियां पता चलीं जो सिर्फ गंदगी से फैल रही थीं, इसका स्रोत गंदे हाथों को माना गया। इसके बाद से मेडिकल साइंस में हाथ धोना जरूरी कर दिया गया। लोगों को जागरुक करने के मकसद से हर साल 15 अक्टूबर को दुनियाभर में ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे मनाया जाता है।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मुताबिक लोगों को हाथों पर साबुन लगाने के बाद कम से कम 15 सेकंड तक एक साथ रगड़ना चाहिए। हाथों और अंगुलियों को आगे और पीछे से रगड़ने के बाद साफ पानी वाले नल के नीचे धोना चाहिए। इसलिए आपको हाथ धोने का सही तरीका बता रहे हैं।
कुछ सेकंड के लिए नल के नीचे पकड़कर अपने हाथों को गीला कर लें। इसके बाद साबुन को अपनी हथेलियों और हाथों के पिछले भाग पर रगड़ें। हाथ में पर्याप्त साबुन यानि झाग आने पर अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें और अब एक हाथ की उंगलियों को चलाते हुए, दूसरे हाथ की पिछले हिस्से पर रगड़े। इस प्रक्रियां को दूसरे हाथ के साथ दोहराएं।
इसके बाद हाथो की अंगुलियों को एक-एक करके हथेली और अगुंली के बीच रगड़े। इसी तरह अंगूठे को रगड़ें। अब हाथों को पानी के नीचे ले जाकर रगड़े हुए साफ करें। इसके बाद हाथों को साफ तौलिये या पेपर हैंकी से पोंछ लें।
ठीक तरीके से हाथ धोनें से सामान्य सर्दी से होने वाले, मेनिनजाइटिस, ब्रोंकोलाइटिस फ्लू, हेपेटाइटिस ए और अन्य प्रकार की संक्रमक बीमारियों को फैलने से रोका जा सकता है।
साबुन और पानी के साथ हाथ धोने से दस्त का खतरा 45ः तक कम हो सकता है। बच्चों में फ्लू या निमोनिया जैसी बीमारियों को रोका जा सकता है। स्वस्थ रहकर बीमारियों से बचा जा सकता है जिससे आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है।
बदलते मौसम में अक्सर लोगों को आंखों के इंफेक्शन संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिससे आंखों में जलन, आंखों में घुहरी होना, आंखों का लाल होना होता है। ऐसे में अगर हमेशा आंखों पर हाथ धोकर ही लगाएं, तो आई इंफेक्शन से बचा जा सकता है।
आज के दौर में बढ़ते प्रदूषण से सांस संबंधी समस्याओं में इजाफा हो रहा है, ऐसे में अगर आप छींक आने या खांसी आने के बाद हाथ नहीं धोते हैं, तो आपके शरीर के हानिकारक बैक्टीरिया अन्य लोगों में सांस इंफेक्शन को पहुंचाने में मददगार साबित होते हैं। इसलिए हमेशा छींक और खांसी आने पर हाथ धोने चाहिए।
आप दिन में खाना खाने से पहले और खाने के बाद हाथ धोते हैं, इसके अलावा नित्य कर्म करने के बाद हाथ धोने से आप अपने शरीर को बीमार करने वाले बैक्टीरिया को खुद से आसानी से दूर रख पाते हैं।
डायरिया, दस्त होना और आंतों संबंधी इंफेक्शन के लिए गंदा और अस्वच्छ भोजन सबसे बड़ा कारण माना जाता है। ऐसे में अगर आप गंदे हाथों से खाना खाते हैं या खुले और मक्खी मच्छर वाला खाना खाते हैं, तो आप पेट संबंधी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
कब धोएं हाथ
- खाना पकाने, खाना खाने और खाना परोसने के पहले और बाद
- शौच के बाद हाथ धोना बहुत जरूरी होता है
- नाक या मुंह पर हाथ लगाकर छींकने के बाद
- सभी तरह के केमिकल के इस्तेमाल के बाद
- अपनी या बच्चे की नाक साफ करने के बाद
- टॉइलट जाने या डायपर बदलने के बाद
- किसी से शारीरिक संबंध बनाने के बाद
- पालतू जानवर से खेलने के बाद
- बीमार व्यक्ति से मिलने के बाद