जब आयुष मंत्री, नेताओं के मेडिकल कॉलेज तो कैसे मिलेगा छात्रों को न्यायः मोर्चा
- शासन के निर्देश भी हवा में उड़ाया कुलसचिव आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने
- उच्च न्यायालय के निर्देश भी हुए हवा हवाई जबकि शासन लिख चुका है कुलसचिव को कई पत्र
- युवा जुमलेबाजी की दुनिया से बाहर आएं
संवाददाता
देहरादून। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने बयान जारी कर कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि उच्च न्यायालय के आदेश की अनुपालना कराने को लेकर आमरण अनशन कर रहे आयुष छात्रों पर सरकार द्वारा लाठीचार्ज कर मरणासन्न कर दिया गया, जिसकी मोर्चा घोर निंदा करता है।
नेगी ने कहा कि फीस वृद्धि मामले में फीस वापस लौटाए जाने को लेकर उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 9-7-18 व 9-10-18 के द्वारा सरकार का फीस वृद्धि वाला शासनादेश दिनांक 14/10/15 को निरस्त कर दिया गया था, जिसमें बढ़ाई गई फीस वापस करने के निर्देश न्यायालय ने दिए थे।
उक्त के क्रम में शासन द्वारा दिनांक 2-11-18 22-11-18, 22- 3-19 व 23 -4-19 के द्वारा कुलसचिव, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय को उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कर आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे ,लेकिन शासन के निर्देशों को भी कुलसचिव द्वारा हवा में उड़ा दिया गया। हैरानी की बात यह है की कुल सचिव द्वारा कई बार उत्तराखंड के निजी असहायतित शिक्षण संस्थानों को पत्र प्रेषित किए गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
नेगी ने कहा कि जिस प्रदेश में स्वयं आयुष शिक्षा मंत्री व अन्य नेताओं के मेडिकल कॉलेज हो तो इन छात्रों को कैसे न्याय मिलेगा? मोर्चा ने युवाओं से आह्वान किया कि जुमलेबाजी की दुनिया से बाहर आकर वास्तविक जीवन में प्रवेश करें।