मोटर वाहन पंजीकरण टैक्स मामले में आयोग ने लगाई शासन को फटकार: मोर्चा
- वाहन विक्रेता द्वारा प्रदान की जाने वाली विशेष छूट के बावजूद पंजीकरण पर वसूला जाता है पूरा टैक्स
- बिना कैबिनेट मंजूरी के किए थे आदेश जारी
- सूचना आयुक्त ने लगाई अनुसचिव व सचिव परिवहन कार्यालय को फटकार
- मोटर वाहन मालिकों का आर्थिक शोषण किए जाने का है मामला
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पिन्नी ने बयान जारी कर कहा कि सचिव, परिवहन ने अप्रैल 2013 को एक आदेश जारी कर वाहन विक्रेताओं द्वारा ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली विशेष छूट के बावजूद वाहन की वास्तविक कीमत के बिलों को न मानकर एक्स शोरूम मूल्य के आधार पर कर पंजीयन की व्यवस्था किए जाने संबंधी आदेश जारी किए थे, जिससे कई मामलों में ग्राहकों को अत्यधिक टैक्स देना पड़ता था, क्योंकि सरकार द्वारा टैक्स के स्लैब बनाए गए हैं | वर्तमान में टैक्स की दरें काफी बढ़ाई गई है |
उक्त आदेश को लेकर मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पिन्नी द्वारा शासन से सूचना चाही गई थी कि वाहन के देयकर की दरें मोटरयान के एक्स शोरूम मूल्य पर ही अधि रोपित किए जाने के मामले में कैबिनेट अथवा राजभवन से स्वीकृति से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं लेकिन विभाग द्वारा कोई सूचना उपलब्ध न करा कर अवरोध उत्पन्न किया गया, क्योंकि कैबिनेट द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया गया था | उक्त मामले से क्षुब्ध होकर मा. सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया गया, जिसमें सूचना आयुक्त मा. श्री जे.पी. ममगई ने अनुसचिव परिवहन विभाग, उत्तराखंड शासन को कैबिनेट अथवा राजभवन से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के साथ साथ चेतावनी निर्गत कर अनुसचिव व सचिव कार्यालय परिवहन को फटकार लगाते हुए भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृति पर शास्ति अधिरोपित करने के निर्देश दिए | मोर्चा प्रदेशवासियों का अहित नहीं होने देगा |