नगर निगम काशीपुर ने फड़, ठेले वालों से अवैध रूप से वसूले 1.43 करोड़ रूपये
सूचना अधिकार के अन्तर्गत नदीम उद्दीन को उपलब्ध सूचना से हुआ खुलासा
संवाददाता
काशीपुर। काशीपुर नगर निगम ने पिछले लगभग ढाई वर्षों में फड़, ठेले वालों से तहबजारी शुल्क के नाम पर 1 करोड़ 43 लाख 74 हजार 575 रूपये वसूले है। इस वसूली के लिये 24 लाख रूपये कर्मचारियों को दिये गये है तथा 1 लाख 18 हजार 512 रूपये की रसीद बुकें खर्च कर दी गयी है। यह सनसनीखेज खुलासा नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने काशीपुर नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी से पथ विक्रेताओं (ठेला, फड़ आदि) से वसूले जा रहे शुल्क की दरों वसूली गयी धनराशियों तथा वसूली पर खर्च की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में निगम के लोक सूचना अधिकारी/ कर एवं राजस्व अधीक्षक ने अपने पत्रांक 681 दिनांक 05-09-19 से सूचना उपलब्ध करायी है।
नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार 01 अप्रैल 2017 से अगस्त 2019 तक दो वर्ष पांच माह की अवधि मे नगर निगम ने पथ विक्रेता (ठेला फड़ आदि) से कुल रू. एक करोड़ 43 लाख 74 हजार 575 रू. वसूले है इसमें 58,92025 रू. वर्ष 2017-18 में, 57,84,775 रू. वर्ष 2018-19 में तथा 26,97,775 रू. वर्ष 2019-20 में अगस्त माह तक वसूले गये हैं।
उपलब्ध सूचना के अनुसार इस वसूली हेतु कुल 3292 रसीद बुकें खर्च की गयी है जिस पर 36 रू. प्रति रसीद की दर से कुल 1,18,512 रू. खर्च किये गये है। इसके अतिरिक्त वसूली हेतु 6 कर्मचारी आउट सोर्गिंग से लाये गये है जिसमें तीन उपनल कर्मचारियों को 19000 रूपये प्रति माह तथा तीन अन्य कर्मचारियों को 6000 रू. प्रति माह वेतन दिया गया है। सूचना के अनुसार इन वसूली करने वाले कर्मचारियों पर 24 लाख रूपये खर्च किये गये है। कुल मिलाकर शुल्क वसूली पर 25 लाख 18 हजार 512 रू. खर्च किये गये है तथा निगम को कुल 1 करोड़ 18 लाख 56 हजार 63 रू. की धनराशि मिली है।
नदीम द्वारा शुल्क की दरों के सम्बन्ध में किसी भी नोटिफिकेशन की प्रति उपलब्ध नहीं करायी गयी बल्कि पूर्व में किये गये किसी तहबजारी टेण्डर फार्म के एक पृष्ठ की प्रति उपलब्ध करायी है जिसमें उल्लेखित टेण्डर शर्त संख्या 17 में 4 फिट, ग्6 फिट ठेले/फड़ के लिये 25 रू. प्रतिदिन, 6 फिट ग्8 फिट ठेले/फड़ के लिये 50 रू. प्रतिदिन, 6 फिट ग्8 फिट से बड़े ठेले/फड़ के लिये 100 रू. प्रतिदिन शुल्क निर्धारित किया जाता है, लिखा है।
कानून के जानकर तथा नगर निगम चुनाव कानून सहित 43 पुस्तकों के लेखक नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने बताया कि किसी टेंडर की शर्त से कोई शुल्क नियत नहीं किया जा सकता है तथा उत्तराखंड नगरीय फेरी व्यवसायी (अजीविका सुरक्षा तथा फेरी व्यवसाय विनियमन) नियमावली 2016 लागू होने के बाद इसके नियम 17 के अनुसार फेरी व्यवसाइयों व पथ विक्रेताओं से केवल फेरी समिति द्वारा निर्धारित मासिक शुल्क ही प्राप्त किया जा सकता है इसमें दैनिक शुल्क लेने या नगर निगम के अधिकारियों द्वारा शुल्क निर्धारित करने का कोई प्रावधान नहीं है। नियम 16(2) के अनुसार नगर फेरी समिति/स्थानीय निकाय फेरी व्यवसाइयों से किसी भी शुल्क की वसूली ठेके के आधार पर भी नहीं करा सकती है।
नदीम के अनुसार नियमावली के नियम 12 में यह भी स्पष्ट प्रावधान है कि नगर फेरी समिति में 40 प्रतिशत सदस्य फेरी संगठनों द्वारा चुने गये उनके सदस्य तथा 10 प्रतिशत स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्यों को शामिल किया जाना आवश्यक है।
नदीम ने बताया कि काशीपुर में नियम 12 के अनुसार फेरी समिति का गठन ही नहीं हुआ है और न ही फेरी समिति ने कोई मासिक शुल्क निर्धारित ही किया गया। इसलिये फड़ ठेले वालों से वसूली गयी यह सभी धनराशि अवैध वसूली की श्रेणी में आती है और नगर निगम का इस वूसली को रोकने तथा इस वसूली गयी धनराशि को फड़/ठेले वालोंं को वापस करने का कानूनी दायित्व है।