ऑस्ट्रेलिया के बड़े अखबारों ने खाली छोड़ा फ्रंट पेज
लगाया आरोप- सरकार मीडिया की आजादी में दे रही है दखल
ऑस्ट्रेलिया के बड़े अखबारों ने अपने फ्रंट पेज को खाली छोड़कर सिर्फ इतना लिखा है कि जब सरकार आपसे सच दूर रखती हो, वे क्या कवर करेंगे?
एजेंसी
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के बड़े अख़बारों ने प्रेस प्रतिबंधों के विरोध में अपने फ्रंट पेज को ब्लैक छोड़ कर एकता का प्रदर्शन किया है। यह विरोध राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के खिलाफ है। पत्रकारों का कहना है कि इससे रिपोर्टिंग में बाधा उत्पन्न हो रही है। अखबार के पहले पन्ने पर सिर्फ इतना लिखा गया है कि जब सरकार आपसे सच दूर रखती हो, वे क्या कवर करेंगे?
अखबारों के विरोध पर सरकार का कहना है कि वह प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करता है लेकिन कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। जून में ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) पर पुलिस ने छापेमारी की थी। यही नहीं न्यूज कॉर्प ऑस्ट्रेलिया के पत्रकार के घर में भारी तोड़-फोड़ की गई थी।
मीडिया संगठनों का कहना है कि व्हिसलब्लोअर्स ने एक सूचना दी थी, इसी को छापे जाने की वजह से मीडिया संस्थानों को निशाना बनाया गया। रिपोर्ट में युद्ध अपराध की बात की गई थी और यही नहीं सरकारी एजेंसी द्वारा ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों की जासूसी की बात कही गई थी।
न्यूज कॉर्प ऑस्ट्रेलिया के कार्यकारी चेयरमैन माइकल मिलर ने ब्लैक आउट न्यूज़ पेपर की तस्वीर ट्वीट की। इस ट्वीट में द ऑस्ट्रेलियन और द डेली टेलीग्राफ अखबार की भी कॉपी है। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वह सरकार से पूछें कि वे मुझसे क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं?
एबीसी के प्रबंध निदेशक डेविड एंडरसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया सच छिपाने वाला लोकतंत्र बनने की राह पर है। वहीं ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने दोहराया कि छापे के बाद तीन पत्रकारों पर मुकदमा चल सकता है। इसी के मद्देनजर मीडिया संस्थानों ने अपना विरोध जताया है।
प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि प्रेस स्वतंत्रता ऑस्ट्रेलिया के लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन कानून के शासन को बरकरार रखने की जरूरत है।
पत्रकारों का कहना है सख्त सुरक्षा कानूनों के माध्यम से खोजी पत्रकारिता खतरे में है, जिससे जनता का जानने का अधिकार खत्म हो गया है।