पर्वतजन संपादक पर मुकदमा त्रिवेंद्र की बौखलाहट का नतीजा: मोर्चा
- सीएम त्रिवेंद्र कर रहे विरोधियों को षड्यंत्र के तहत कुचलने का प्रयास
- तहरीर के आधार पर मुकदमे की धाराओं का किया गया दुरुपयोग
- पूर्व में भी एक समाचार चैनल के सीईओ के खिलाफ कर चुके नापाक हरकत
- सीएम अपने फर्जीवाड़े ,रि प्रकरण, कुटुंब के खिलाफ क्यों नहीं करा रहे मुकदमा दर्ज
संवाददाता
विकास नगर। मोर्चा कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दबाव में पुलिस द्वारा पर्वतजन संपादक शिव प्रसाद सेमवाल पर षड्यंत्र के तहत मुकदमा दर्ज कर उत्पीड़न किया गया, जिसका मोर्चा घोर विरोध करता है |
नेगी ने कहा कि दबाव में आई पुलिस ने तहरीर को पढ़ना आवश्यक नहीं समझा तथा आनन-फानन में 386 जैसी संगीन धाराएं लगाकर स्वामी भक्ति का प्रमाण पेश किया | होना तो यह चाहिए था कि मामले की तह में जाकर पुलिस सच्चाई जानती लेकिन ऐसा न कर मामले से दूर जाकर ऐसी धाराएं लगाई गई, जिसका इस मामले से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है |
नेगी ने कहा कि प्रदेश के भ्रष्ट एवं माफियाओं के रहनुमा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के खिलाफ कई भ्रष्टाचार के मामले यथा झारखंड रिश्वत प्रकरण, खनन डील, कुटुंब की दलाली के स्टिंग वीडियोज आदि तमाम मामले मुंह बाए खड़े हैं, लेकिन अपने व कुटुंब के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की | त्रिवेंद्र पूर्व में भी अपने काले कारनामे छिपाने के लिए एक चैनल के सीईओ के खिलाफ भी नापाक हरकत एवं असफल प्रयास कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने मुंह की खाई थी |
नेगी ने कहा कि सेमवाल लगातार सरकार एवं भ्रष्ट अधिकारियों के कामकाज एवं उनके घोटालों पर प्रमुखता से प्रहार करते रहे हैं इसी पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर सरकार द्वारा दमनात्मक कार्रवाई की गई | हैरानी की बात यह है कि मामला दो व्यक्तियों के बीच आपसी लेनदेन , ब्लैक मेलिंग आदि का था तथा इस मामले में श्री सेमवाल का यही रोल था कि उन्होंने संबंधित बयान बाजी की खबरें छापी |
मोर्चा राजभवन से पूरे प्रकरण पर निष्पक्ष कार्यवाही तथा इस षड्यंत्र में शामिल गुनहगारों को भी बेनकाब करने की मांग करता है|
पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, मोहम्मद असद, सुशील भारद्वाज आदि मौजूद थे।