दक्षिण सूडान में भारतीय शांति सैनिकों को यूएन ने किया सम्मानित
एजेंसी
संयुक्त राष्ट्र। दक्षिण सूडान में सेवारत करीब 850 भारतीय शांति सैनिकों को उनकी सेवा और योगदान के लिए संयुक्त राष्ट्र के पदक से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार सूडान में स्थानीय समुदायों का समर्थन एवं शांति की स्घ्थापना के लिए उनकी सेवा के लिए दिया गया है। भारत संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सबसे बड़ा सैन्य योगदान करने वाले देशों में से एक है। वर्तमान में 2,342 भारतीय सैनिक और 25 पुलिस कर्मी संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ दक्षिण सूडान में तैनात हैं।
भारतीय बटालियन के कर्नल अमित गुप्ता ने एक बयान में कहा कि हम दक्षिण सूडान के लोगों के लिए सकारात्मक यादें छोड़ना चाहते हैं। हम उन्हें एक बेहतर जगह पर छोड़ना चाहते हैं, जहां वे खुद के लिए आय उत्पन्न करने और अपने देश का निर्माण करने में सक्षम हैं। पिछले महीने यूएनएमआईएसएस के साथ इंजीनियरों और चिकित्सा कर्मचारियों के रूप में सेवा करने वाले कुल 323 भारतीय शांति सैनिकों को उनकी विशिष्ट सेवा के लिए संयुक्त राष्ट्र के पदक से सम्मानित किया गया था। दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत भारत के इंजीनियरिंग सैनिक विभिन्न प्रकार के कर्तव्यों का पालन करते हैं। यह स्थानीय समुदायों की मदद करते हैं।
बता दें कि इसकी शुरुआत जुलाई 2011 में उस समय की गई थी, जब दक्षिण सूडान ने सूडान से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। अब तक इस मिशन के दौरान 67 संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों की मृत्यु हो चुकी है। मार्च 2019 में यूएनएमआईएसएस में लगभग 19,400 कर्मचारी कार्यरत्त थे। भारत यूएनएमआईएसएस के लिए सैनिक प्रदान करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है, इसमें भारत के 2,342 सैनिक कार्यरत्त हैं। यूएनएमआईएसएस में सर्वाधिक सैनिक रवांडा से हैं, इसमें रवांडा के 2,750 सैनिक कार्यरत्त हैं।