एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन जितना खाता है, उतना भारत में बर्बाद होता है!
एजेंसी
रियाद। भोजन की बर्बादी दुनियाभर के देशों के लिए चिंता का विषय है। जिस तरह से भारत में खाने की बर्बादी होती है, उसी तरह से सऊदी में भी होती है। खाना फेंकने और बर्बाद करने की इस फैसली संस्कृिित को रोकने के लिए सऊदी अरब में कुछ बेहतर तरीके सामने आए हैं। एक रिपोर्ट की मानें तो ब्रिटेन में जितना लोग खाना खाते हैं, उतना भारत में बर्बाद हो जाता है।
सऊदी अरब में बचा हुआ खाना फेंकने की तेजी से फैलती संस्कृति और भोजन की भारी बर्बादी के विरोध में उतरे लोग अब इसे रोकने के कुछ नायाब तरीके सामने लेकर आए हैं। देश में एक ऐसी थाली तैयार की गई है जिसमें खाना ज्यादा परोसा हुआ दिखेगा और बर्बादी कम से कम होगी। खाड़ी देश के ज्यादातर हिस्सों में खाना ज्यादा और ठाठ से परोसे जाने को बड़प्पन और मेहमान नवाजी के सांस्कृतिक गुण के तौर पर देखा जाता है, लेकिन इस तरह से परोसा गया ज्यादातर खाना कूड़े में जाता है।
सऊदी अरब के घरों में बड़ी अंडाकार थाली परोसी जाती है जिसमें चावल का एक टीला सा खड़ा कर दिया जाता है, लेकिन इसमें से ज्यादातर बर्बाद हो जाता है क्योंकि कई लोग बस थाली के दोनों ओर से चावल खा लेते हैं और बमुश्किल ही बीच तक पहुंच पाते हैं।
उद्यमी मशाल अल्काहरशी इस तरह की आदत को छुड़वाने के लिए कोशिश में जुटे हैं। उन्होंने एक ऐसी थाली बनाई है जिसमें खाना ज्यादा दिखता है। थाली के बीच में गोल सा एक हिस्सा बनाया गया है जिसकी गहराई कम होने की वजह से लोग खाना कम परोसेंगे और ज्यादा बचत कर पाएंगे।
सऊदी में खाने की बर्बादी की दर विश्व में सबसे ज्यादा है। पर्यावरण, जल एवं कृष मंत्रालय के मुताबिक सऊदी अरब में प्रत्येक घर सालाना 260 किलोग्राम खाना बर्बाद करता है जबकि इसकी तुलना में वैश्विक औसत 115 किलोग्राम का है।
नए आंकड़े के मुताबिक बर्बाद खाने की कीमत के बारे में पता करें तो पूरी दुनिया में हर साल करीब 940 बिलियन डॉलर का खाना बर्बाद होता है। भारतीय करेंसी में इसकी कीमत करीब 67 लाख करोड़ रुपए होती है।
अल्काहरशी ने कहा कि पश्चिम एशिया से प्रेरणा लेकर तैयार किया गया यह नया डिजाइन खाने की बर्बादी 30 प्रतिशत तक कम करता है। साथ ही उन्होंने बताया कि सऊदी अरब के कई रेस्तराओं द्वारा इस थाली को प्रयोग में लाने के बाद से 3,000 टन चावल की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि इस तरीके से हम भोजन की बर्बादी रोक कर अपनी मेहमान नवाजी की संस्कृति को भी बचाए रख सकते हैं।
भारत में खाने की बर्बादी के आंकड़े और भी हैरान करने वाले हैं। 2017 की सीएसआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल जितना ब्रिटेन खाता है, उतना हम बर्बाद कर देते हैं। भारत जहां लाखों लोग भूखे पेट सोने को मजबूर हैं, वहां ये आंकड़े परेशान करने वाले हैं।
भारत में खाने की बर्बादी सबसे ज्यादा नॉर्थ और सेंट्रल पार्ट्स के सार्वजनिक समारोहों में होती है। शादी-विवाह, कैंटीन और होटलों में बर्बादी सबसे ज्यादा होती है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में करीब 50 हजार करोड़ की कीमत का अन्न हर साल बर्बाद होता है।