जीडीपी मामले में त्रिवेंद्र ने गलती सुधारीः नेगी
- फर्जी आंकड़ों से प्रदेश को बनाना चाहते हैं खुशहाल
- प्रदेश की आर्थिकी एवं अन्य क्षेत्र में हो रही अप्रत्याशित गिरावट
- प्रदेश में विकास का पहिया हो गया है जाम
- बेरोजगारी, पलायन, आर्थिक मंदी ने तोड़ दी है प्रदेश की कमर
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने बयान जारी कर कहा कि कल समाचार पत्रों में सूबे के मुख्यमंत्री/वित्त मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया था कि प्रदेश में जीडीपी में 32 फ़ीसदी बढ़ोतरी हुई है, प्रदेश की जनता को छलने जैसा लगा।
नेगी ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में जिस प्रकार कृषि, वानिकी, उद्योग, खनन, राजस्व आदि क्षेत्रों में भारी गिरावट आई है, उससे धरातल पर प्रदेश की जीडीपी बढ़ने के बजाय घटी है। यानी अगर धरातल पर बात की जाए तो जीडीपी 5 फ़ीसदी से भी कम है, लेकिन सरकार आंकड़ों में बाजीगरी कर लगभग 6रू45 फीसदी दर्शा रही है। इसी प्रकार प्रति व्यक्ति आय भी 1.99 लाख दर्शा रही है, जबकि यह आंकड़ा भी झूठ का पुलिंदा है।
उनका कहना था कि सरकार झूठे आंकड़े पेश कर जीडीपी में वृद्धि का दावा कर रही थी, जबकि प्रदेश की जनता तिल-तिल मरने को मजबूर है। जिस प्रदेश में रोजगार के अवसर लगभग खत्म कर दिए गए हो, जनता कैसे खुशहाल ले सकती है! नेगी ने कहा कि पूर्व में भी सरकार द्वारा झूठे आंकड़े पेश कर जनता को गुमराह किया गया था।