सोमवार, 23 दिसंबर 2019

केन्द्र सरकार ने शुरू की एनपीआर की तैयारी

केन्द्र सरकार ने शुरू की एनपीआर की तैयारी



एजेंसी
नई दिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून को लेकर देश के कई राज्यों में घमासान मचा है। पूर्वाेत्तर के अलावा दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार और गुजरात में भारी संख्या में लोग इस एक्ट के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं। वहीं संशोधित नागरिकता कानून के अलावा एनआरसी को लेकर मचे घमासान के बीच सरकार नेशनल पापुलेशन रजिस्टर की तरफ बढ़ रही है।
नेशनल पापुलेशन रजिस्टर एनपीआर के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कैबिनेट से 3,941 करोड़ रुपये की मांग की है। एनपीआर का उद्देश्य सामान्य निवासियों का व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें जनसांख्यिकी के साथ-साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी रहेगी। 
रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्तमान में 2011 में की गई जनगणना के आंकड़े मौजूद हैं और इसके बाद 2021 की जनगणना का काम जारी है। देश भर में जनगणना के लिए पहले चरण एक अप्रैल 2020 से लेकर 30 सितंबर में केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर ये जानकारी इकट्ठा करेंगे। दूसरा चरण 2021 में 9 फरवरी से 28 पफरवरी के बीच पूरा किया जाएगा, जबकि 1 मार्च से 5 मार्च तक संशोधन की प्रक्रिया होगी।
नेशनल पापुलेशन रजिस्टर देश के सामान्य निवासियों के कागजात हैं और ये सिटीजनशिप एक्ट, 1955 के प्रावधानों के मुताबिक स्थानीय, जिला, उप-जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है। कोई भी निवासी जो महीने से या उससे अधिक अवधि से स्थानीय क्षेत्र में रह रहा है तो उसे इस रजिस्टर में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होता है। सरकार ने 2010 से देश की पहचान का डेटा जमा करने के लिए इसकी शुरुआत की थी।


 


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