पहली बार देवभूमि से निकली राम बारात
संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड की धर्म आधारित पारम्परिक एवं पौराणिक लोक सांस्कृतिक विरासत को पूरे विश्व पटल पर पहचान दिलाने में सतत् प्रयासरत् उत्तराखण्ड के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा दो देशों के मध्य ऐतिहासिक एवं पौराणिक लोक सांस्कृतिक विरासत के आदान-प्रदान हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए पहली बार देवभूमि से श्री राम बारात निकाली गयी जो नेपाल के जनकपुरी जाकर सम्पन्न हुई।
संस्कृति, धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखण्ड की देवभूमि पहली बार इस बात की गवाह बनी है जो हमारे लिए एक सौभाग्य एवं गर्व का विषय है। हमारा यह प्रयास जहां दोनों दोनों देशों के पारस्परिक सम्बन्धों को मजबूत बनाने में सहयोगी होगा वहीं हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को भी जोड़े रखने में कारगर सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि हमारे आस्था के प्रतीक पुरूषोत्तम श्री राम की बारात देवप्रयाग से शुरू होकर लखनऊ पहुंची जहां स्थान-स्थान पर राम बारात का भव्य स्वागत किया गया। सतपाल महाराज ने कहा कि पूर्व में राम बारात अयोध्या से नेपाल जाती थी जो पहली बार संस्कृति विभाग के माध्यम से आयोजित की गयी।
उन्होंने कहा कि राम बारात ने देवप्रयाग से जनकपुरी नेपाल तक लगभग 1067 किलोमीटर का सफर तय किया। राम बारात लखनऊ पहुंची। इसके उपरान्त बारात 351 कि0मी0 का सफर तय करते हुए बुटवल पहुंची, जहां पर अयोध्या से आने वाली बारात का भी मिलन हुआ।
सतपाल महाराज ने बताया कि राम बारात हितौता से हरिवान होकर जनकपुर पहुंची जिसमें जानकी मन्दिर, नेपाल में विवाह संस्कार पूरे विधि-विधान के साथ सम्पन्न किया गया।
राम बारात का जानकी मन्दिर, जनकपुर (नेपाल) में पूरे धूमधाम से विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालू उपस्थित रहे।