पर्वतजन सेमवाल मामले में त्रिवेंद्र द्वारा जांच नौटंकी साजिश का हिस्साः मोर्चा
- पहले संगीन धाराओं में फंसाया, अब जांच की हो रही बात
- जब गृह/सूचना विभाग सीएम के पास, फिर साजिश की कहानी किसके इशारे पर
- छीछलेदर से आहत त्रिवेंद्र अब पाप धोने में लगे
- पूर्व में भी रावत नामक युवक पर दर्ज करा चुके मुकदमा
- त्रिवेंद्र की दमनात्मक कार्यवाही जान चुकी है जनता
संवाददाता
विकासनगर। मोर्चा कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने कहा कि पर्वतजन संपादक शिव प्रसाद सेमवाल पर सोची समझी रणनीति के तहत पहले संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करा कर बदले की भावना से जेल भेजने का काम किया गया तथा अब जनता में हो रही अपनी छीछालेदारी से बचने को जांच का बहाना बनाकर मामले में सहानुभूति बटोरने का काम किया जा रहा है, जिसकी मोर्चा घोर निंदा करता है।
नेगी ने कहा कि प्रदेश के सीएम का यह कहना कि उनको इस प्रकरण के बारे में कुछ अता-पता पता नहीं है तो यह और भी डूब मरने वाली बात है, क्योंकि गृह/सूचना व पूरी बागडोर त्रिवेंद्र के हाथ में है, फिर एक साधारण से मामले में इतनी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज होना बहुत कुछ इशारा करता है। मोर्चा को मुकदमे से कोई आपत्ति नहीं है, अगर किसी ने गुनाह किया है तो विधि सम्मत कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन जो अपराध हुआ ही नहीं उसमें जानबूझकर ऐसी धाराएं लगाना बहुत बड़ा अपराध है।
नेगी ने कहा कि पूर्व में भी सीएम त्रिवेंद्र द्वारा एक आंदोलनकारी के पुत्र बेरोजगार पुत्र राजपाल रावत पर मुकदमा दर्ज करा चुके, जोकि इनकी कार्यशैली से बहुत खफा था।
नेगी ने कहा कि प्रदेश में 2-4 कलम ही स्वतंत्र हैं, बाकी तो सीएम दरबार की आर्थिक जंजीरों में कैद हैं तथा सीएम ने इन 2-4 कलम को ही कलम करने की ठान ली है। हो सकता है सेमवाल मामले में अब दिल्ली का कोई दबाव आया हो, जिससे अब जांच की बात हो रही है। मोर्चा सीएम त्रिवेंद्र द्वारा की जा रही दमनात्मक/बदले की भावना से किए जा रहे कृत्य के खिलाफ मुखर होकर लड़ेगा।
पत्रकार वार्ता में मो0 असद, केसी चंदेल, प्रवीण शर्मा पिन्नी, सुशील भारद्वाज आदि मौजूद थे।