आ गया खर्राटे से छुटकारा दिलाने वाला तकिया
एजेंसी
लास वेगास। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो 2020 में एक ऐसा तकिया पेश किया गया जिसकी मदद से खर्राटे की शिकायत दूर की जा सकती है। इस तकिए का नाम मोशन पिलो है। इस तकिए को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह खर्राटे के पैटर्न का पता लगाता है, उसे रिकॉर्ड करता है और उसका विश्लेषण करता है।
स्मार्ट तकिया सोते समय सिर की स्थिति और सांस लेने का डाटा जमा करेगा। इस तकिए में एयर बैग और सेंसर आधारित प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम लगा है। ये सभी चीजें प्लास्टिक बॉक्स के साथ जुड़ी होती हैं, जिसमें माइक्रोफोन दिया गया है। यह माइक्रोफोन खर्राटे का पता लगता है और पूरा डाटा ऐप पर भेज देता है। उसके बाद तकिया में लगा एयरबैग फूल जाएगा जिसकी मदद से सिर की स्थिति बदलने का सुझाव मिलेगा और फिर सोते समय सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं पेश आएगी।
इस तकिए पर सिर रख कर सोने से खर्राटे रुकने का दावा किया जा रहा है। वैसे खर्राटों का वक्त पर इलाज न किया जाए तो यह स्लीप एप्निया नामक बीमारी बन सकती है। इस कंडीशन में सोते समय सांस कुछ सेकेंड के लिए रुक जाती है। ऐसे में तीखी आवाज के साथ सांस आती है, ये एप्निया कहलाता है।
अमेरिका के लास वेगास के कंज्घ्यूमर टेक्नोलॉजी शो, सीईएस में भविष्य की बातें हो रही हैं। भविष्य की तकनीक, भविष्य के गैजेट पेश किए जा रहे हैं। कई ऐसे गैजेट्स दिखाए गए हैं जो कि लोगों की जिंदगी आसान करने का दावा करते हैं।
खर्राटे भगाने के तरीके
नींद के दौरान आवाज के साथ सांस लेना खर्राटा है। यह एक आम समस्या है जो हर किसी को हो जाती है चाहे वह किसी भी उम्र का हो। बढ़ती उम्र के साथ खर्राटे की समस्या और गंभीर हो जाती है। वजन कम करने से खर्राटे की समस्या से भी मुक्ति मिल सकती है।
सोने से पहले शराब और अन्य नशीली चीजों के सेवन से बचना चाहिए। ऐसे पदार्थ गले में मांसपेशियों को आराम देते हैं और सांस लेने में अड़चन पैदा करते हैं। महिलाओं को एक ड्रिंक और पुरुषों को दो ड्रिंक से ज्यादा लेने से बचना चाहिए।
कसरत करने के तो कई फायदे हैं। नियमित कसरत से आप खर्राटे की समस्या से निजात पा सकते हैं। साथ ही नियत समय पर सोने की आदत डालें।
वैसे भी सिगरेट पीना अच्छी आदत नहीं है। सिगरेट भी खर्राटे का कारण हो सकते हैं। सिगरेट का धुआं नैजल और फेफड़ों को अवरोध पहुंचाता है जिस कारण खर्राटे की समस्या पैदा होती है।
भारी भोजन और कैफीन उत्पादों का सेवन किसी भी स्थिति में खाने से दो घंटे पहले नहीं करना चाहिए। दूध से बने उत्पाद और सोया दूध का सेवन सोने के पहले नहीं करना चाहिए।
सोने के तरीके में बदलाव करके खर्राटे को काबू किया जा सकता है। सीधे सोने के बजाय करवट लेकर सोएं। इससे जीभ हवा को रोकती नहीं और इस वजह से होने वाला खर्राटा बंद हो जाता है। ऐसे तकिए भी मिलते हैं जो गर्दन की मांसपेशियों को मुड़ने से बचाते हैं। इससे खर्राटे कम हो सकते हैं।
सूखी हवा गले और नाक की झिल्ली में जलन पैदा करती है, जो खर्राटे का कारण बनती है। इसलिए कमरे की हवा में नमी होनी चाहिए। इसके लिए आप एक खुले तसले में पानी भर कर भी रख सकते हैं।
अगर खर्राटों का वक्त पर इलाज न किया जाए तो यह स्लीप एप्निया नामक बीमारी बन सकती है। सोते समय सांस कुछ सेकेंड के लिए रुक जाती है। ऐसे में तीखी आवाज के साथ सांस आती है, ये एप्निया कहलाता है। इसे समय पर काबू में लाना जरूरी है।