देखरेख के अभाव में बार बार घायल होती सालीखेत पम्पिंग योजना
संवाददाता
गंगोलीहाट। नगरीय क्षेत्रों एवं आसपास के गांवों को पेयजल उपलब्ध कराने वाली सालीखेत गंगोलीहाट पम्पिंग योजना उचित देखरेख के अभाव में अपने उद्देश्यों की पूर्ति में अपेक्षानुरूप सफल नहीं हो पा रही है। हज़ारों की आबादी पेयजल आपूर्ति उपलब्ध कराने वाली इस महत्वपूर्ण योजना के अनुरक्षण की कमी के चलते इसके लाभों से वंचित होने को मजबूर हैं।
दरअसल पिछले तीन दिनों से गंगोलीहाट में पानी नहीं आने से पेयजल का संकट गहरा गया है। नगरवासियों एवं आसपास के ग्रामीणों को पेयजल की कमी से जूझना पढ़ रहा है। बताया गया है कि पम्पिंग योजना के सालीखेत स्थित स्टेज एक में ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने से पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इस कारण क्षेत्रवासियों में काफी रोष है। स्थानीय निवासी सुरेन्द्र बिष्ट का कहना है कि इतनी महत्वपूर्ण परियोजना होने के बावजूद इसमें बार बार खराबी आना चिंताजनक है।
इस सम्बन्ध में विधुत विभाग के उप खण्ड अधिकारी पवन रावत द्वारा अवगत कराया गया कि सालीखेत स्थित स्टेज वन में जल संस्थान द्वारा स्थित दोनों ट्रांसफार्मर एक कच्ची दीवार के किनारे स्थित हैं, जहां से इन पर पानी की धार टपकती है, जिससे अत्यधिक नमी के कारण ट्रांसफार्मर में खराबी की संभावना अधिक होती है। यह स्थान ट्रांसफार्मर रखने हेतु उचित नहीं है। इसके लिये ट्रांसफार्मरों को वर्तमान स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाना आवश्यक है। इसके बारे में जल संस्थान के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। जल संस्थान द्वारा इस पर अग्रिम कार्यवाही किये जाने पर ही इसका स्थायी समाधान हो पायेगा।
बताते चलें कि सालीखेत गंगोलीहाट पम्पिंग योजना का लोकार्पण 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा द्वारा किया गया था। इस महत्वपूर्ण पम्पिंग योजना में तीन स्टेज हैं। प्रथम स्टेज सालीखेत में 7.5 लाख लीटर की टैंक क्षमता है। बेलूरी स्थित द्वितीय स्टेज में 90 हज़ार लीटर एवं चौड़िका स्थित तृतीय स्टेज में 90 हज़ार लीटर की टैंक क्षमता है।