त्रिवेंद्र माफियाओं पर मेहरबान, बेरोजगार घूम रहे परेशान: मोर्चा - खनन/शराब माफियाओं के हक में लाए जा रहे नित नए विधेयक
- बेरोजगारों के लिए नहीं है कोई ठोस योजना सरकार के पास
- बंद होते उद्योगों से सरकार का कोई लेना देना नहीं
- प्रदेश की जनता सड़कों पर, मुखिया पड़े हैं बेसुध
- प्रदेश की जनता का सौदा कर डाला माफियाओं के हाथों
संवाददाता
विकासनगर। मोर्चा कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए हाल ही में इन 15- 20 दिनों में खनन/शराब माफियाओं के हक में रातों-रात कई विधेयक लाकर प्रदेश की जनता का सौदा कर डाला है |
नेगी ने कहा कि पहले पट्टों के आवंटन का अधिकार शासन का था, जिसको हटाकर जिला प्रशासन को दिया गया | पूर्व की व्यवस्था अनुसार शासन स्तर से आवंटन में अधिक समय लगता था तथा धन के बंटवारे में काफी हिस्सा शासन के अधिकारियों के पास चला जाता था, अब सिर्फ जिला स्तर का होगा, ऐसा करने से काली कमाई का वितरण सिर्फ एक-दो लोगों के बीच ही होगा | इसी प्रकार शराब के लाइसेंसों की प्रक्रिया में भी शिथिलता प्रदान की गई है | कुछ दिन पहले अवैध भंडारण मामले में कार्रवाई का अधिकार जिला अधिकारी से छीनकर कर अपर जिलाधिकारी को दिया गया एवं पट्टों में मैनुअल चुगान के बजाय जेसीबी वह अन्य उपकरणों से खोद डालने का अधिकार दिया गया है |
नेगी ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगार/ कर्मचारी/ किसान/ भोजन माताएं/ आंगनवाड़ी कर्मी सभी सड़कों पर उतरकर अपना हक मांगते रहे, लेकिन इनके लिए कोई नीति/ कार्य योजना सरकार नहीं बना पाई, वहीं दूसरी ओर माफियाओं के हक में बगैर जनता के आंदोलन किए नित नए विधेयक पास हो रहे हैं | प्रदेश में उद्योग तेजी से बंद हो रहे हैं तथा प्रदेश कर्ज में डूब रहा है, उसकी चिंता न कर मुखिया को सिर्फ माफियाओं की चिंता है | पत्रकार वार्ता में डा० ओपी पंवार, नरेंद्र तोमर, सुशील भारद्वाज आदि मौजूद थे।