अपर निदेशक सूचना ने कोरोना का बहाना कर मिलने से किया इंकार
विधानसभा के घेराव व प्रदर्शन के नोटिस पर की मुलाकात
संवाददाता
देहरादून। स्थानीय समाचार पत्रों की लगातार उपेक्षा व भेदभाव नीति के विरोध में उत्तराखंड पत्रकार संयुक्त सघर्ष समिति का एक प्रतिनिधिमण्डल सूचना निदेशालय पहुंचा। अपर निदेशक सूचना ने कोरोना का बहाना कर प्रतिनिधिमंडल ने मिलने से इनकार कर दिया तथा ज्ञापन लेने एक कर्मचारी को नीचे भेजा। जिसपर प्रतिनिधिमंडल में शामिल पत्रकार आक्रोशित हो गए तथा वहीं पर 23 मार्च को धरना व प्रदर्शन करने व 25 मार्च को होने वाले विधान सभा बजट सत्र में विधानसभा के घेराव व प्रदर्शन का नोटिस दे दिया जिसपर अपर निदेशक डा0 अनिल चन्दोला ने प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए अपने कार्यालय में आमंत्रित किया।
प्रतिनिधि मण्डल ने उनसे महानिदेशक सूचना से वार्ता कराने का आग्रह किया। जिसको स्वीकार करते हुए प्रतिनिधिमंडल की वार्ता महानिदेशक से कराई गई। समिति के संयोजक मनमोहन लखेड़ा व डा0 वीडी शर्मा ने अपर निदेशक सूचना के रवैए पर नाराजगी जतायी। प्रतिनिधिमंडल ने महानिदेशक को प्रेषित ज्ञापन में विभाग द्वारा क्षेत्रीय समाचार पत्रों के साथ भेदभावपूर्ण रवैये पर ध्यान आकृष्ट कराया। विज्ञापन आवंटन में पक्षपातपूर्ण रवैये पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई।
ज्ञापित किया गया कि लघु व मंझौले समाचार पत्रों को सरकार के 3 वर्ष पूर्ण होने पर मात्र 450 वर्ग सेमी का विज्ञापन जारी करना व 5 बड़े बाहरी समाचार पत्रांे को 8 से 10 पेज के विज्ञापन जारी करना उत्तराखण्ड के स्थानीय अखबारों के साथ सरासर अन्याय है। जिसपर महानिदेशक महोदय द्वारा एक दो दिन में निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया। समिति ने तय किया कि यदि इस दिशा में कोई सकारात्मक कार्यवाही विभाग द्वारा अमल में नहीं लाई गई तो समिति अगली कार्यवाही करने की बाध्य होगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी विभाग व उनके शीर्ष अधिकारियों की होगी।
प्रतिनिधिमंडल में गिरीश पन्त, संजीव पन्त, उमाशंकर प्रवीण मेहता, एससी भटनागर, रजनीश ध्यानी, निशा रस्तोगी, विजय जायसवाल आदि शामिल थे।