सोमवार, 2 मार्च 2020

चंदादेवी गांव में मील का पत्थर है धरोहर

चंदादेवी गांव में मील का पत्थर है धरोहर



संवाददाता
नैनीताल। भीमताल-रानीबाग रोड पर स्थित चंदादेवी गांव में अंग्रेजी शासनकाल में लगा मील का पत्थर ;माइल स्टोन; आज भी मौजूद है। बुजूर्ग बताते है कि 1886 में यह माइल स्टोन यहां पर स्थापित किया गया था। 
तब पहाड़ की यात्रा पैदल व घोड़ों से हुआ करती थी। इस माइल स्टोन में चंदादेवी गांव से काठगोदाम की दूरी 3 मील और रानीखेत की दूरी 36 और अल्मोड़ा की दूरी 34 मील दर्शायी गयी है। 
1887 में रानीबाग में गौला नदी के उपर झूला पुल बनाया गया। लोग इसी पुल से गुजरते हुए चंदादेवी होते हुए पहाड़ की यात्रा पर जाते थे। 60 के दशक में भूस्खलन होने से झूला पुल टूट गया। उक्त पुल के अवशेष आज भी मौजूद है।
दीपक नौगांई बताते है कि सन 1965 में यहां पर आयरन पुल बनना शुरू हुआ। 1968 में नवनिर्मित आयरन पुल से यातायात प्रारम्भ हुआ और भीमताल तक पक्की डामरीकृत सड़क बनायी गई। नब्बे के दशक तक इस पुल के बगल से बने कच्चे मार्ग से लोग चंदादेवी होते हुए पैदल भीमताल जाया करते थे। पर पहाड़ी पर हुए भूस्खलन से यह पैदल मार्ग बंद हो गया है। 
अंग्रेजों के जमाने का एक माइल स्टोन रानीबाग बाजार में भी स्थापित था। जो अब टूट चुका है।  


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