हमे अपने मन को सशक्त बनाना होगाः मंजू दीदी
‘महिला सशक्तिकरण द्वारा सामाजिक परिवर्तन‘, ’अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस‘ का आयोजन
संवाददाता
देहरादून। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मुख्य सेवा केन्द्र सुभाषनगर मे ‘महिला सशक्तिकरण द्वारा सामाजिक परिवर्तन‘, ’अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस‘ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मन्जू दीदी ने कहा कि अगर हमे सच मंे सशक्त होना है तो एक बात ध्यान मे रखनी है। हमे अपने मन को सशक्त बनाना होगा। हम अपने अर्न्तमन को सशक्त बनाएगें तभी नारी से लक्ष्मी और नर से नारायण बनेगें। मन को सशक्त बनाने की विधि है राजयोग। राजयोग प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में निःशुल्क सिखाया जाता है जिसका कोई भी भाई-बहन लाभ ले सकते है।
डा0 उषा कपूर ने कहा कि महिलाओ की भूमिका व्यक्ति के निर्माण करने से लेकर विश्व का कल्याण करने तक होता है। महिलाओ से ही समाज का निर्माण होता है। कभी वो बहन बनती है, तो कभी माता बनती है, तो कभी पत्नी। महिलाओ के अन्दर बहुत से गुण होते है-ममता की भावना, स्नेह की भावना, माफ कर देना और उसे भूल जाने की भावना, सहन करने की भावना इत्यादि होते है।
विधायक चन्द्रा पन्त ने कहा कि आज महिलाओ के प्रति आदर भाव प्रकट करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। हमारी संस्कृती यही कहती है कि हमारे देश मे नारी को हमेशा सम्मान हुआ था। कोई भी देश तब तक आगे नही बढ़ सकता जब तक महिलाएं पुरूषो के साथ कन्धे से कन्धे मिलाकर उनका साथ न दे। आज महिलाऐ आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से आगे बढ़ रही है। आज महिलाएं शहरो मे ही नही बल्कि ग्रामीण क्षेत्रांे मंे भी सशक्त और जागरूक हो गयी है।
नलिनी गुसाईं ने कहा कि महिलाओं को अपने काम को पूरी निष्ठा के साथ करना चाहिए। तभी महिलाऐ सशक्त बनेगी और महिला दिवस मनाना सार्थक होगा।
कविता बत्रा ने कहा कि महिला दिवस 28 फरवरी, सन् 1909 में सोशलिस्ट पार्टी आफ अमेरिका द्वारा पहली बार पूरे अमेरिका में मनाया गया। सन् 1910 मंेे सोशलिस्ट इंटरनेशनल द्वारा कोपनहेगन में महिला दिवस की स्थापना हुई और 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विजरलैंड लाखांे महिलाआंे द्वारा रैली निकाली गई थी। जिसका मकसद नौकरी में भेदभाव खत्म करने से लेकर, सरकारी संस्थानों में समान अधिकार के साथ मताधिकार जैसे कई अहम मुद्दे थे।
इस अवसर पर डा0 मधु शर्मा, सोनिया आनन्द समेत बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रही।