कोरोना वायरस को जिंदा पकड़ा
जल्द इलाज ढूंढे जाने की जगी उम्मीद
एजेंसी
पेइचिंग। घातक कोरोना वायरस दुनिया के लिए नया है। इसलिए अभी तक यह नहीं पता था कि उसकी संरचना कैसी है, वह दिखता कैसा है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस पर रिसर्च कर रहे हैं। बड़ी बात यह है कि वैज्ञानिकों की एक टीम को वायरस की असल संरचना को जानने में कामयाबी मिली है। इतना ही नहीं जब यह वायरस किसी कोशिका को संक्रमित करता है तो उस वक्त कोशिका की क्या स्थिति होती है, इसकी भी तस्वीर लेने में वैज्ञानिक कामयाब हुए हैं।
यह कामयाबी काफी अहम है इससे कोरोना वायरस की पहचान करने, विश्लेषण करने और जरूरी क्लिनिकल रिसर्च का रास्ता साफ हो सकता है। यानी वैज्ञानिकों को इस नए खतरनाक वायरस की काट मिलने की उम्मीद बढ़ गई।
एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण चीन के शेनजेन में रिसर्चरों की एक टीम ने ऐसी पहली तस्वीर जारी की है जो यह बताती है कि नया कोरोना वायरस असल में दिखता कैसा है। इस तस्वीर को फ्रोजेन इलेक्ट्रॉन माइक्रोसोप ऐनालिसिस टेक्नॉलजी की मदद से कैद किया गया है। इस तकनीक के जरिए वायरस को निष्क्रिय करने के बाद उसकी तस्वीर ली गई है। इस तकनीक के जरिए वायरस के जैविक नमूने को सुरक्षित किया गया जिससे यह पता चलता है कि जब यह वायरस जिंदा था तो किस स्थिति में और कैसा था। यह सबसे विश्वसनीय रिजल्ट है।
रिसर्च टीम के मेंबर और असोसिएट प्रोफेसर लिउ चुआंग ने बताया कि वायरस की जिस संरचना को हमने देखा वह बिल्कुल वैसा ही है जैसा जिंदा होने पर वायरस होता। टीम ने इसके साथ-साथ वायरस से संक्रमित होने वाली कोशिका की स्थिति को भी तस्वीरों में कैद करने में कामयाबी हासिल की है। इस अहम कामयाबी को शेनजेन नैशनल क्लिनिकल मेडिकल रिसर्च सेंटर और सदर्न यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी की संयुक्त टीम ने हासिल किया है। इससे वायरस की पहचान, उसके विश्लेषण और जरूरी क्लिनिकल रिसर्च का महत्वपूर्ण रास्ता साफ हो सकता है।