लॉकडाउन के दौरान जारी रहेंगे खेती से जुड़े काम
खुलेंगी खाद-बीज की दुकानें, किसानों के लिए सरकारी गाइडलाइन
प0नि0डेस्क
देहरादून। आप किसान हैं और लॉकडाउन में खेती से जुड़े कार्यों को लेकर संशय में है तो परेशान न हों। गृह मंत्रालय ने किसानों को कई तरह की छूट दी हैं।
केंद्र सरकार ने खेती से जुड़े कार्यों, मशीनरी, उर्वरक, खाद बीज की दुकानों को लॉकडाउन से बाहर कर दिया है। अब किसान आराम से खेत पर जा सकेंगे, ट्रैक्टर से जुताई, कंबाईन मशीन से फसल काट सकेंगे, नजदीकी कस्बें से बीज और डीएपी-यूरिया ला सकेंगे। किसान अपनी फसल मंडी भी ले जा सकेंगे। लॉकडाउन से कृषि कार्य प्रभावित नहीं होंगे। हालांकि किसानों से अपील की गई है कि वो उचित दूरी और कोरोना गाइडलाइंस का हर हाल में ध्यान रखें।
गृह मंत्रालय ने 24 तारीख के लॉकडाउन के लिए जारी गाइडलाइन में कई अतिरक्ति छूट दी हैं। किसान और किसान संगठन इनके लिए लगातार मांग उठा रहे थे। 27 मार्च 2020 को जारी नए आदेश में मंत्रालय ने यह छूट पूरे देश के लिए लागू की हैं। मोटे तौर पर ये आदेश दिया गया है कि किसान बिना रुकावट कृषि कार्य करें। मजदूरों को काम करने में परेशानी नहीं होगी। फसल कटाई से जड़ी मशीनें (कंबाइन-रीपर) आदि एक राज्य से दूसरे राज्य में जा सकेंगे।
वो लोग जो फसल की कटाई और सरकारी स्तर पर न्यूनम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद में शामिल हैं। सभी सरकारी मंडिया कृषि उत्पादन मंडी समितियां या फिर वो मंडियां जिन्हें राज्य सरकारों ने मान्यता दी हो। खाद-बीज और रासायनिक कीटनाशक की दुकानें। फार्म मशीनरी, कस्टम हायरिंग सेंटर (जिनके लिए सरकार ने पैसा दिया था और एफपीओ आदि के माध्यम से अनुदान मिला)।
लॉकडाउन के बाद किसान काफी संशय में थे। पुलिस और प्रशासन को सख्ती से लॉकडाउन के आदेश दिए गए थे, जिसके चलते कई देशभर में किसानों को मंडी और बाजार जाना तो दूर खेत तक जाने में समस्याएं आने लगी थी। किसानों के लिए मार्च-अप्रैल का महीना कृषि कार्य के लिए अहम होता है इसलिए वो लगातार किसानों को छूट देने की मांग कर रहे थे। केंद्र के आदेश के पहले ही कई राज्यों ने एतहियाती कदम उठाते हुए निर्देश जारी किए थे। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा समेत कई राज्यों सरकारों, जिला प्रशासन ने फसल कटाई, मंडी, खाद, बीज, कीटनाशक, राशन, मंडी तक सामान ले जाने के संबंध में आदेश जारी किए हैं।
सरकारों ने भी कहा कि किसानों को खेती-बाड़ी से जुड़े कार्यों में दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। भारत में ये फसल कटाई का समय है। गेहूं समेत कई फसलों की हार्वेटिंग कुछ राज्यों में शुरु हो चुकी हैं तो कहीं-कहीं शुरु होने वाली है। इसके साथ ही सब्जी (खीरा, लौकी, तरोई, कद्दू, जैसी फसलें), फलों (खरबूज, तरबूज) खेतों में लगी हैं, जिन्हें कीटशानक और उर्वरक की जरुरत है। पहले जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन के बाद में कई राज्यों में हुई बंदी से किसानों को खाद-बीज आदि की समस्या होने लगी थी, किसानों की समस्या और मांग को देखते हुए सरकारों ने लिखित में आदेश जारी किए हैं।
अब यह किसानों की जिम्मेदारी है कि गांव हो या खेत, सोशल डिस्टेसिंग (उचित दूरी-एक दूसरे के बीच न्यूनतम 1 मीटर की दूरी) बनाए रखिए। खेत में एक साथ ज्यादा मजूदरों को न लगाइए। कोई मजदूर या आप खुद एक ही बोतल से पानी न पिएं। खेत में बाल्टी और साबुन रखिए और हाथ धुलते रहिए।
फसल काटें तो सुखाकर रखें, जल्द बेचने की कोशिश न करें औने-पौने दाम मिलेंगे। अपने जिले के जिला कृषि उपनिदेशक, डीएम और एसपी का नंबर अपने पास रखें लेकिन जरुरत के अनुसार ही उनसे बात करें और सबसे जरूरी चीज अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखें।