मिल गई कोरोनो वायरस की दवा!
दावाः 4 दिन में ठीक हो रहे मरीज
एजेंसी
बीझिंग। कोरोना वायरस के खौफ के बीच एक राहत भरी खबर है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोरोनोवायरस की दवा मिल गई है और इससे 4 दिन में रोगी ठीक हो रहे हैं।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते पूरी दुनिया में वैज्ञानिक इसकी दवा को विकसित करने में लगे हैं। चीन के अधिकारी ने दावा किया है कि एक जापानी कंपनी की एंटी फ्लू ड्रग कोरोना वायरस के मरीजों पर कारगर साबित हो रही है। जापान की कंपनी फ्यूजीफिल्म की इस दवा एविगन को फेविपिरवीर के नाम से जाना जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक चीन में चिकित्सा अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने 340 रोगियों पर एंटीवायरल ड्रग फेविपिरवीर का परीक्षण किया और पाया कि यह दवा रिकवरी समय को कम करती है और रोगियों की फेफड़ों की स्थिति में तेजी से सुधार करती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि संक्रमित मरीजों को वुहान और शेनझेन में दवा दी गई थी और चार दिनों के बाद इनका वायरस टेस्ट नेगेटिव आया। जापान ने 2014 में इस दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। चीन के विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय के अधिकारी झांग जिनमिन का कहना है कि ये दवा कोरोना वायरस पर कारगर तो साबित हुई ही है बल्कि इसका कोई साइड इफेक्ट भी अब तक नजर नहीं आया है।
मीडिया आउटलेट निक्केई के अनुसार शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जो दवा दी गई थी उससे रोगियों के फेफड़ों की स्थिति में जिन रोगियों को दवा नहीं दी गई थी की तुलना में लगभग 91 प्रतिशत सुधार हुआ। दवा, जिसे ब्रांड नाम एविगन के तहत भी बेचा जाता है, को 2014 में फुजीफिल्म टोयामा केमिकल द्वारा विकसित किया गया था। इस दवा को देने के बाद इन मरीजों की एक्सरे रिपोर्ट में भी इनके फेंफड़ों में करीब 91 फीसद तक इंप्रूवमेंट देखा गया। वहीं इस दौरान जिन्हें इसकी जगह दूसरी दवा दी गई थी उनमें 61 फीसद मरीजों के फेंफडे पहले से बेहतर पाए गए।
कोरोना वायरस के मरीजों पर ये दवा दूसरी दवाओं के मुकाबले ज्यादा कारगर साबित हुई है। हालांकि जापान ने दवा के इस तरह से सफल होने का कोई दावा अब तक नहीं किया है। द गार्जियन अखबार ने जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि वहां पर भी इस दवा को कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों को दिया गया था, लेकिन वहां पर ये मरीजों पर कारगर साबित नहीं हुई। इसके मुताबिक करीब 70-80 मरीजों को ये दवा दी गई थी, लेकिन इसका मरीजों पर कोई फायदा होता दिखाई नहीं दिया। इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में जापान की सरकार ने इबोला वायरस के दुनिया के कई देशों में पहुंचने के बाद इसकी गुएना में बतौर आपातकालीन दवा सप्लाई की थी। फेविपिरवीर ने सरकार से इस बात की इजाजत मांगी थी कि इसका कोविड-19 के मरीजों पर फुल स्केल इस्तेमाल किया जाए।