मोदी सरकार चुकाए जनता के प्यार का कर्जः मोर्चा
- महामारी में लॉक डाउन के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे गरीबों की हो सकती है मदद
- रोजाना दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले गरीब परिवारों का दर्द समझे सरकार
- 21 दिन तक कोरोना से नहीं, अन्य दिक्कतों से से हो जाएगी गरीब की परेशानियों में इजाफा
- सरकार द्वारा गरीब की खाद्यान्न दिक्कत दूर करने में उठाया गया सराहनीय कदम
- जनधन खातों में इस विपदा में नहीं डाली गई धनराशि, तो इनका औचित्य क्या!
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी बयान जारी कर कहा कि कोरोना जैसी महामारी/विपदा के इस गंभीर संकट में मोदी सरकार गरीब मजदूरों व जरूरतमंद लोगों के जनधन खातों में धन डालकर उनकी मुसीबत का हल कर सकती है। देश का दिहाड़ी-मजदूरी और रोज कमाने वाला गरीब व्यक्ति आगामी 20-21 दिनों में लॉक डाउन के चलते आर्थिक तंगी से जूझने को मजबूर हो जाएगा। वैसे, सरकार ने आटा-चावल (खाद्यान्न) की व्यवस्था करने का ऐलान कर काफी हद तक जनता की मुसीबत कम करने का काम किया है।
नेगी ने कहा कि देश में करोड़ों की तादाद में प्रधानमंत्री जी द्वारा जनधन खाते खुलवाए गए थे तथा इन खातों में कोई आर्थिक सहायता सरकार द्वारा आज तक प्रदान नहीं की गई, लेकिन इस वक्त विपदा की घड़ी में मोदी सरकार गरीब जनता द्वारा दिए गए प्रचंड बहुमत (प्यार/आशीर्वाद) का कर्ज उतार सकती है। मोर्चा प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह करता है कि अब समय आ गया है कि गरीब/मध्यम वर्गीय लोगों के जनधन खातों में धन डालकर जनता के प्यार का कर्ज चुकाएं, जिससे गरीब अपनी जरूरी आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति लॉक डाउन में अपने परिवार के लिए कर सके।