वास्तु के मुताबिक अच्छा नही बेडरूम से अटैच बाथरूम
आजकल घरों में बेडरूम के साथ ही अटैच बाथरूम बना दिए जाते हैं
प0नि0डेस्क
देहरादून। आजकल की शहरी संस्कृति और सीमित जगह वाले घरों में अक्सर बेडरूम के साथ ही अटैच बाथरूम बना दिए जाते हैं। सुविधा के लिहाज से देखा जाए तो ऐसे बाथरूम सही होते हैं, लेकिन वास्तु के हिसाब से इन्हें अच्छा नहीं माना जाता। लेकिन अब जगह की कमी के कारण जरूरी नहीं है कि आप अपने घर में बाथरूम को बेडरूम से कहीं और बनवा लें। मगर कुछ आसान से उपाय को आजमाकर आप वास्तु के इस दोष को दूर कर सकते हैं।
बाथरूम में दर्पण कभी भी दरवाजे के ठीक सामने नहीं लगाना चाहिए। जब-जब बाथरूम का दरवाजा खुलता है, तब-तब घर की नकारात्मक ऊर्जा बाथरूम में प्रवेश करती है। ऐसे समय पर यदि दरवाजे के ठीक सामने दर्पण होगा तो उस दर्पण से टकराकर नकारात्मक ऊर्जा पुनः घर में आ जाएगी।
बाथरूम में पानी का बहाव उत्तर दिशा में होना चाहिए। यदि संभव हो तो बाथरूम घर के नैऋत्य कोण पश्चिम-दक्षिण दिशा में बनवाना चाहिए। अगर ये संभव न हो तो वायव्य कोण उत्तर-पश्चिम दिशा में भी बाथरूम बनवाया जा सकता है।
नमक के अंदर गजब की आकर्षण क्षमता होती है। एक कटोरी में खड़ा नमक भरकर बाथरूम के अंदर किसी उचित स्थान पर रखें। नमक बाथरूम की नकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण करके उसे बांधे रखता है और उसे बाथरूम से बाहर बेडरूम में नहीं जाने देता।
यदि आपके घर में बाथरूम बेडरूम से अटैच है तो इस स्थिति में साफ-सफाई का अतिरिक्त ख्याल रखना होगा। दिन में कम से कम दो बार बाथरूम को ठीक से साफ करें ताकि नकारात्मक ऊर्जा आपके कमरे में न आने पाए।
यदि बाथरूम का दरवाजा बेडरूम में खुलता हो तो उसे खुला रखने से बचना चाहिए। वैसे तो बेडरूम में बाथरूम नहीं होना चाहिए, लेकिन बेडरूम में बाथरूम है तो उसके दरवाजे पर पर्दा भी लगाना चाहिए। बेडरूम और बाथरूम की ऊर्जाओं का परस्पर आदान-प्रदान हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता।
बेडरूम से अटैच बाथरूम में सदैव हल्के रंग की टाइल्स का इस्तेमाल करना चाहिए। गाढ़े रंग की टाइल्स नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती है और पिफर यही ऊर्जा आपके कमरे में आकर माहौल को खराब कर सकती है।
शौचालय में सीट इस प्रकार रखनी चाहिए कि शौच करते वक्त मुख उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर रहे और दरवाजा सदैव बंद रखना चाहिए।