बुधवार, 1 अप्रैल 2020

एसजेवीएन ने किया सर्वाधिक बिजली का उत्पादन 

एसजेवीएन ने किया सर्वाधिक बिजली का उत्पादन 



9678 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन कर रिर्काड कायम किया
संवाददाता
देहरादून। सतलुज जलविद्युत निगम एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष में अब तक का सर्वाधिक 9678 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन कर रिर्काड कायम किया है। इस उपलब्धि पर निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने एसजेवीएन के कर्मचारियों को बधाई दी है। उन्होंने कर्मचारियों को आह्वान किया कि कोविड-19 से उत्पन्न हुई संकट की इस घड़ी में देश को चौबीस घन्टे बिजली उपलब्ध करवाने को और अधिक मेहनत से कार्य करें। 
एसजेवीएन के अपर महाप्रबन्धक आशीष पन्त ने जानकारी देते हुए बताया कि एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष में अब तक का सर्वाधिक 9678 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन कर रिर्काड कायम किया है। इस उपलब्धि पर निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने एसजेवीएन के सभी कर्मचारियों को बधाई दी है। प्रबन्ध निदेशक ने सभी कर्मचारियों को आह्वान किया कि कोविड-19 से उत्पन्न हुई संकट की इस घड़ी में देश को चौबीस घन्टे बिजली उपलब्ध करवाने को और अधिक मेहनत से कार्य करें। 
उन्होंने बताया कि देश के सबसे बड़े भूमिगत नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्घ्टेशन तथा रामपुर जलविद्युत स्टेशन के सर्वाेत्तम परिचालन तथा अनुरक्षण के कारण एसजेवीएन अब तक के सर्वाधिक बिजली उत्पादन के इस रिकॉर्ड को कायम कर सका है। नाथपा झाकड़ी की डिजाइन एनर्जी 6612 मिलियन यूनिट तथा रामपुर जल विद्युत स्टेशन की 1878  मिलियन यूनिट है, जबकि इन पावर स्टेशनों से बिजली का उत्पादन क्रमशः 7445 मिलियन यूनिट एवं 2098 मिलियन यूनिट है। इन पावर स्टेशनों ने गत दिसंबर माह में ही डिजाइन एनर्जी हासिल कर ली थी।
उन्होंने बताया कि पावर स्टेशन के शानदार निष्पादन के आधार पर एसजेवीएन ने अपने शेयरधारकों के लिए 668 करोड़ रुपए का अंतरिम लाभांश घोषित किया है, जबकि आज तक कंपनी अपने शेयरधारकों को 7356.56  करोड़ रुपए का लाभांश अदा कर चुकी है। प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि वर्तमान में 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जल विद्युत परियोजना में निर्माण कार्य  पूरे जोरशोर से चल रहा हैं। इसके अतिरिक्त नेपाल में 900 मेगावाट जल विद्युत परियोजना का गत माह वित्तीय समापन हासिल कर चुके हैं। इस परियोजना के निर्माण के लिए कंपनी अगले पांच वर्षों में नेपाल में लगभग 6959 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
 शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन थर्मल पावर के क्षेत्र में प्रवेश कर चुकी है। इसके तहत  बक्सर में पिछले वर्ष 1320 मेगावाट की थर्मल पावर परियोजना की आधारशिला प्रधानमन्त्री ने रखी थी। इस परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। एसजेवीएन की इस परियोजना की वित्तीय वर्ष 2023-24 में चालू करने की योजना है।
उन्होंने बताया कि एसजेवीएन भारत तथा पड़ोसी देशों में विद्युत परियोजनाओं पर भी कार्य करने पर विचार कर रहा है। इसके तहत नेपाल व अरुणाचल से उनके इलाकों में हाइड्रो पोटेंशियल के दोहन के लिए बातचीत भी कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि एसजेवीएन ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ आठ जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण हेतु एमओयू पर साइन किए हैं। इन परियोजनाओं की कुल क्षमता 2388 मेगावाट है, जिनमें कुल 24,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
उन्होने बताया कि कंपनी ने 1988 में अपनी शुरूवात एकल जल विद्युत परियोजना से की थी उसके बाद पीछे मुड़ कर नही देखा। इसका नतीजा है कि कम्पनी के पास आज 7489.2 मेगावाट का पोर्टफोलियो है, जिसमें से 2015.2 मेगावाट प्रचालनाधीन, 2880 मेगावाट निर्माणाधीन, 482 मेगावाट निर्माण पूर्व एवं निवेश मंजूरी के अधीन तथा 2112 मेगावाट सर्वेक्षण एवं अन्वेषणाधीन है। इसके अलावा कंपनी बिजली उत्पादन के अन्य क्षेत्रों में भी विविधीकरण कर चुकी हैं।


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