मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

कोरोना वायरस की घर वापसी

कोरोना वायरस की घर वापसी



पहले से ज्यादा खतरनाक नये रूप में चीन लौटा खूनी वायरस
एजेंसी
नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस की घर वापसी खतरनाक संकेत है। कोरोना के लक्षण तो सबको पता है, उसी हिसाब से दुनिया इसके बचाव के इंतजाम कर रही है। सर्दी, खांसी, गला खराब, बुखार सांस लेने में तकलीफ. यही कोरोना के लक्षण बताए गए है। 
कोरोना वायरस पूरी दुनिया में करीब 70 हजार से ज्यादा जानें ले चुका है। 13 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित है। अब एक नए कोरोना के दस्तक की खबर है। गौर हो कि यह नया कोरोना भी चीन के हुबेई प्रांत से आया है, जहां से पुराना कोरोना निकला था। जानकारों के मुताबिक यह नया कोरोना पुराने कोरोना से कहीं ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इसका कोई लक्षण ही नहीं है यानी इसके शिकार बने शख्स को पता ही नहीं चलेगा कि वो संक्रमित है।
चीन में कोरोना वायरस की यह घर वापसी खतरनाक संकेत है। कोरोना चीन में दोबारा लौट आया है, जहां से पहला कोरोना फैला था। मगर इस बार ज्यादा खतरनाक तरीके से इसलिए क्योंकि इस बार ये कोरोना बिना किसी लक्षण के सामने आया है। मान लीजिए कोई कोरोना से संक्रमित है तो उसे खुद भी पता नहीं चलेगा कि वो संक्रमित है क्योंकि इस नए कोरोना के संक्रमण का कोई लक्षण ही नहीं है। इसीलिए इसे एसिम्टोमैटिक केस कहा जा रहा है।
एसिम्टोमैटिक केस का मतलब है कि कोई कोरोना से संक्रमित तो हो मगर उसमें इस बीमारी के कोई लक्षण नज़र ही ना आए।. आसान शब्दों में इसका अर्थ है कि यदि किसी को एसिम्टोमैटिक कोरोना है तो इसकी जानकारी ना तो खुद उस शख्स को होगी और ना ही बिना टेस्ट के डॉक्टर ही इसका पता लगा पाएगा। टेम्प्रेचर चेक करने वाली मशीन तो संक्रमित मरीज़ों को पकड़ तक नहीं पाएगी।
एसिम्टोमैटिक कोरोना का मरीज़ कोविड-19 के आम मरीज़ से ज्यादा खतरनाक होता है क्योंकि कम से कम उनमें कोरोना के लक्षण नज़र तो आते हैं। दुनियाभर में कोरोना के जो मामले अब तक सामने आए हैं, वो सिम्टोमैटिक केसेज़ थे यानी वो कोरोना से संक्रमित भी थे और उनमें इसके लक्षण भी साफ तौर पर दिखाई दे रहे थे इसलिए उनको पहचानना भी आसान था। लेकिन कोरोना के एसिम्टोमैटिक मामले सामने आने की वजह से ये खतरा ना सिर्फ चीनी अथॉरिटी और वहां के लोगों के लिए बहुत बड़ा हो गया है बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी एक बड़ी चुनौती होगी।
भारत जैसे देशों में जहां कोरोना के लक्षण वाले मरीज़ों को ही पहचानना मुश्किल है। वहां अगर एसिम्टोमैटिक कोरोना के मामले सामने आने लगे तो अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता कि क्या होगा। कोरोना वायरस की इस नयी चुनौती पे निपटना आसान नही होगा। 
कोरोना वायरस के सिम्टोमैटिक मामलों के बारे में चीन ने भले दुनिया को वक्त रहते जानकारी नही दी या दुनिया ने उसे हल्के में लेने की भूल कर दी परन्तु अब कोरोना के एसिम्टोमैटिक मामलों के लिए दुनिया को पहले से एहतियात बरतनी होगी। जानकारों के अनुसार इस आने वाले खतरे से निपटने के सिर्फ 2 ही इलाज हैं- पहला सरकारें लॉकडाउन को खत्म करने में जल्दी ना करें। दूसरा कोरोना से ठीक हुए मरीज़ों को फौरन समाज में जाने की इजाज़त ना हो और हर दूसरे दिन उनकी जांच की जाए ताकि वो कोरोना के एसिम्टोमैटिक के शिकार ना हो जाएं।
जल्दबाज़ी में लॉकडाउन ना खत्म करने और कोरोना से ठीक हुए मरीज़ों को लगातार ऑब्ज़र्वेशन में रखने की ये सलाह इसलिए क्योंकि चीन के हुबेई प्रांत में जहां हाल ही में लॉकडाउन खत्म किया गया, वहां कोरोना के खत्म हो चुके मामले दोबारा से नज़र आने लगे। ये सब महज़ तीन से चार दिन में हुआ और इनमें से ज्यादातर मामलों में लोगों को उनसे कोरोना का संक्रमण लगा जो अस्पताल से कोरोना से लड़ कर ठीक होने के बाद घर लौटे थे।
उनके शरीर में कोरोना का वायरस फिर पलटा लेकिन वे सब इससे अनजान रहे। उन्हें फिर वैसे ही लक्षण महसूस नहीं हुए जो इन्हें पहली बार कोरोना की चपेट में आने के वक्त हुए थे। यानी इस बार कोरोना के वायरस ने रूप बदलकर इनके शरीर में जगह बनाई। इस तरह हुबेई में लॉकडाउन हटाने और ज़िंदगी सामान्य करने की चीनी सरकार की कोशिश बेकार साबित हो गई और यहां अचानक कोरोना के 1541 एसिम्टोमैटिक मामले सामने आ गए। चीन में लॉकडाउन की मियाद पूरी करने के बाद भी जो नए मामले सामने आ रहे हैं वो पहले से भी ज्यादा खतरनाक और जानलेवा हैं। इसमें नए पीड़ित मरीज़ों का पता लगाना कहीं मुश्किल है। 
इस बात के सामने आते ही चीन सकते में आ गया और 25 मार्च को लॉकडाउन हटाने के साथ जो इंटरनेशनल फ्लाइट शुरु हुई थी,. उसने उसे दोबारा बंद कर दिया। जिसके बाद जो लॉकडाउन हुबेई प्रांत में पूरी तरह से हटा लेने का दावा किया गया था। चीनी सरकार ने उसे एक बार फिर अघोषित तौर पर लगाना शुरु कर दिया है और जिन सरकारी सेवाओं को दोबारा से शुरु किया गया था, उनमें से किसी को फिर से बंद कर दिया गया और किसी को कम कर दिया गया।


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