मलेरिया की दवा की दुनिया भर में बढ़ी मांग
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में कारगर हो रही
एजेंसी
नई दिल्ली। दुनिया भर में मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन टैबलेट्स की चर्चा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि इस दवाई से कोरोना वायरस के इलाज में मदद मिलती है। लिहाजा अमेरिका ने इस दवाई के लिए भारत से मांग की है। दरअसल भारत ने 26 मार्च को इस दवाई के निर्यात पर रोक लगा दी थी। सिर्फ ट्रंप ही नहीं ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलोनसरो भी मानते हैं कि ये दवा कोरोना वायरस को खत्म करने का सबसे बड़ा हथियार है। ऐसे में उन्होंने भी भारत से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के निर्यात से बैन हटाने की मांग की है। भारत सरकार ने पहले ही आईसीए लैबोरेटरीज और ज़ायस कैडिला को 10 करोड़ टैबलेट बनाने का ऑर्डर दे दिया है।
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन टैबलेट्स का इस्तेमाल भारत में मलेरिया को ठीक करने के लिए किया जाता है। क्लोरोक्वाइन क्वविनाइन का सिंथेटिक रूप है जो सिकोना पौधे की छाल से मिलता है। ये दक्षिण अमेरिका में बुखार की दवाई के रूप में इस्तेमाल होती है। क्लोरोक्वाइन पहली बार 1930 में सिंथेटिक रूप में बनी थी। जिन देशों में इन दवाओं पर शोध हो रहा है उनमें अमेरिका सहित चीन और फ्रांस जैसे देश भी शामिल हैं।
पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मलेरिया की दवाइयों को गेम चेंजर कहा था। अमेरिकी शहर कनसास सिटी में इसको लेकर डॉक्टर जेफ कॉलेयर ने कुछ शोध किए हैं। उनके मुताबिक डाइड्रोक्लोरोक्विन और एज़िथ्रोमाइसिन के मिश्रण का असर मरीजों पर दिख रहा है। इन ड्रग्स का प्रयोग लैब और मरीज दोनों जगह किया गया है और दोनों जगह से अच्छे नतीजे सामने आए हैं। डॉक्टर ने लिखा कि कुछ डेटा दिखा रहे हैं कि दो ड्रग्स के इस्तेमाल से मरीज पर अच्छे असर दिख रहे हैं। हम सब कई मरीजों का इन दवाइयों से इलाज कर रहे हैं और इससे उनमें इप्रूवमेंट दिख रहा है। अमेरिका के ही फूड एंड ड्रग एडमिस्ट्रेशन और अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि पहले जांचों में ये सुनिश्चित करना होगा कि ये दवाइयां आम मरीजों के लिए कितनी असरदार और सुरक्षित हैं।
ड्रग्स डॉट कॉम के मुताबिक अमेरिका में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन टैबलेट्स की कीमत 6.63 डॉलर है यानी करीब 500 रुपये। फार्मा कंपनी बेयर ने कहा है कि वो अमेरिकी सरकार को करीब 30 लाख टैबलेट्स डोनेट करेंगे। एक और कपंनी नोवारटिस ने कहा है कि वो एक करोड़ 30 टैबलेट्स की सप्लाई दुनिया भर में करेंगे।