पूर्व सैनिकों के लिए बड़ी खबर
सेवानिवृति पर मिलने वाला प्रमाण पत्र स्नातक के समकक्ष
एजेंसी
चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान साफ किया है कि सैन्य अथॉरिटी द्वारा पूर्व सैनिकों को सेवा निवृति से पहले जो स्नातक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है वह केवल नौकरी तक सीमित नहीं है उसको अन्य जगह प्रयोग किया जा सकता है। सैन्य अथॉरिटी पूर्व सैनिकों को सेवानिवृत्ति से पहले एक स्नातक प्रमाण पत्र जारी करती है, जो सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व सैनिक को सरकारी या अन्य जॉब के लिए एक स्नातक उम्मीदवार के समकक्ष बनाता है।
गौर हो कि मामले में याचिकाकर्ता एक पूर्व सैनिक है और सैन्य अथॉरिटी द्वारा स्नातक प्रमाण पत्र धारक है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा हरियाणा में गैस एजेंसी के आवेदन मांगे गए थे। मंत्रालय ने आवेदनकर्ता से स्नातक होने की शर्त रखी थी। जब याचिकाकर्ता ने इस एजेंसी के लिए आवेदन किया तो मंत्रालय ने उसका आवेदन इस आधार पर खारिज कर दिया कि वह स्नातक नहीं है, जबकि याचिकाकर्ता का कहना था कि उसे सेना द्वारा स्नातक प्रमाण पत्र दिया गया है, लेकिन मंत्रालय ने उसके सैन्य अथॉरिटी द्वारा दिए गए स्नातक प्रमाण पत्र को स्नातक की डिग्री के बराबर मानने से इन्कार करते हुए उसे आवदेन के अयोग्य करार दिया।
इसके खिलाफ याची ने हाई कोर्ट में गुहार लगाई। मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को बताया गया कि याची जब सेना से रिलीव किया गया तो उसको 31 मार्च 1994 को एक स्नातक प्रमाण पत्र सैन्य अथॉरिटी द्वारा जारी किया गया। इसमेें साफ लिखा था कि याची दोबारा नौकरी के लिए कहीं आवेदन करता है तो इस प्रमाण पत्र के आधार पर वह स्नातक की डिग्री के समकक्ष माना जाएगा।
याची ने इसी आधार पर गैस एजेंसी के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसका आवेदन खारिज कर दिया गया। हाई कोर्ट ने माना कि सैन्य अथॉरिटी जो स्नातक प्रमाण पत्र जारी करती है वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस स्नातक प्रमाण पत्र को अन्य स्नातक डिग्री के समकक्ष माना है। ऐसे में किस आधार पर इस प्रमाण पत्र को स्नातक की डिग्री के समकक्ष नहीं माना जा रहा। हाई कोर्ट ने याची की याचिका को स्वीकार करते हुए मंत्रालय को उसके आवेदन को स्वीकार करने का आदेश दिया।