उद्योगों के मुताबिक उनकी टाप और बाटम लाइन पर लाक डाउन का व्यापक प्रभाव पड़ेगा
सीआईआई उत्तरी क्षेत्र को विश्वास है कि उद्योगों के मजदूरों को भुगतान करने में सरकार उनकी मदद करेगी
संवाददाता
चंडीगढ़। भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा कोरोनावायरस को लेकर उत्तरी क्षेत्र के उद्योगों के सीईओ पर हाल ही में करवाए गए स्नैप पोल में सामने आया है कि कोरोना वायरस का उद्योगों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ेगा। पोल में तीन चौथाई सदस्यों ने माना कि इस आपदा की स्थिति में भारत विश्व के अन्य कई देशों के मुकाबले बेहद बेहतर स्थिति में है।
बहुत से विशेषज्ञों ने माना कि इस महामारी को रोकने में लाक डाउन ने अहम भूमिका निभाई है। कई सदस्यों ने सुझाव दिया कि सरकार को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लाक डाउन में चरणबद्व तरीके से ढील देते हुए खोलना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि यह महामारी और अधिक फैलने ना पाए। कंपनियों से रैंक ट्रैकिंग चैलेंज के बारे में पूछा गया तो 58 फीसदी ने धन की कमी, सप्लाई चैन तथा श्रमिकों की कमी जैसी चुनौतियां के बारे में बताया।
इकोनामिक रिकवरी के बारे में अधिकतर उद्योगों ने उम्मीद जताई कि वर्ष 2020-21 के दौरान उनकी टाप लाइन और बाटम लाइन में गिरावट दर्ज की जाएगी। अधिकतर उद्योगों ने कहा कि लव डाउन समाप्त होने के पश्चात रोजगार अवसरों में 10 फीसदी अनुबंध तक की बढ़ोतरी हो सकती है। कंपनियों द्वारा सरकार से सबसे अधिक उम्मीद लाक डाउन के बाद उन पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण श्रमिकों को भुगतान करने के लिए 54 फीसदी राशि की सहायता है। इसके साथ ही यूटिलिटी चार्जेस में 32 फीसदी की छूट तथा ब्याज की कम दर तथा अन्य उम्मीदें सरकार से लगी हुई है। 45 फीसदी उद्योग मानते हैं कि कोरोनावायरस के समय में लागत और धन की उपलब्धता उनके विकास के मार्ग में बाधक बनी इसमें बाजार प्रभाव 32 फीसदी तथा भुगतान में देरी 23 फीसदी मानी गई।
स्नैप पोल के बारे में टिप्पणी करते हुए सीआईआई उत्तरी क्षेत्र के चेयरमैन निखिल साहनी ने कहा कि इस पोल के परिणाम भारतीय उद्योगों के मन और उनकी भावनाओं को व्यक्त करते हैं। इस महामारी के चलते हुए लाक डाउन ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत गहरा प्रभाव छोड़ा है और करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। एसएमई क्षेत्र जो सबसे अधिक रोजगार के मौके उपलब्ध करवाता है उसे लाक डाउन ने बुरी तरह से प्रभावित किया है। भारत सरकार ने रिजर्व बैंक आफ इंडिया के साथ मिलकर उद्योगों के दर्द को कम करने के लिए कुछ कदम अवश्य उठाएं हैं हालांकि सीआईए को विश्वास है कि विश्व के अन्य विकसित देशों की तरह अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भारत सरकार भी व्यापक स्तर पर कदम उठाएगी।
आगे बढ़ते हुए उद्योगों और व्यापारियों को सामने आने वाली समस्याओं का सामना करते हुए इनका निवारण करना होगा तथा अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए आवश्यक सहायता प्राप्त करनी होगी। स्नैप पोल का आयोजन वर्चुअल प्लेटपफार्म पर किया गया जिसमें उत्तर भारत के राज्यों से विभिन्न क्षेत्र के 70 से अधिक सीईओ ने भाग लिया।
गौर हो कि सीआईआई उत्तर क्षेत्र में 7 राज्य आते हैं जिनमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा 3 यूनियन टेरिटरी चंडीगढ़, जम्मू एंड कश्मीर तथा लद्दाख आते हैं।
लिंक का इंतजार करने की जरूरत नहीं
ताजा समाचारों के लिए सीधे parvatiyanishant.page पर क्लिक करके पेज पर आयें और जानें देश दुनिया का हाल-खबर। पसंद आये तो शेयर भी करें।