रविवार, 3 मई 2020

आईएनएसटी के वैज्ञानिकों धातु रहित नैनो मटीरियल ढूंढ़ा 

आईएनएसटी के वैज्ञानिकों धातु रहित नैनो मटीरियल ढूंढ़ा 



दिखते प्रकाश में कपड़ों के कीटाणुशोधन की दिशा में कम लागत वाला नैनो मटीरियल
एजेंसी 
नई दिल्ली। केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आने वाले स्वायत्त संस्थान नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान आईएनएसटी में वैज्ञानिकों ने दृश्य प्रकाश में सूक्ष्मजीव कीटाणुशोधन के लिए एक कम लागत वाले धातु रहित नैनोमटीरियल को ढूंढा है जो चांदी और अन्य धातु-आधारित सामग्रियों का विकल्प हो सकता है।
आईएनएसटी में डा0 कमलाकन्नन कैलासम के समूह ने डा0 आसिपफ खान शानवस के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका कार्बन में प्रकाशित अपने हालिया अध्ययन में दृश्य प्रकाश चालित जीवाणुरोधी गतिविधि के लिए कार्बन नाइट्राइड क्वांटम डाट्स जी-सीएनक्यूडी का परीक्षण किया है और स्तनधारी कोशिकाओं के साथ जैव-अनुकूल होने के साथ-साथ इसे प्रभावी पाया है। इस टीम ने सुझाव दिया है कि ये धातु/गैर-धातु सेमीकंडक्टरों और महंगी चांदी के लिए एक व्यवहार्य एंटी-बैक्टीरियल विकल्प होगा, जो इसे लागत कुशल बनाता है।
आईएनएसटी की टीम के अनुसार ये नैनोमटीरियल्स बढ़ी हुई जैवनाशी गतिविधि रखते है, जिसका कारण ये है कि जी-सीएनक्यूडी का बड़ा सतह क्षेत्र पराबैंगनी और दृश्य दोनों क्षेत्रों में अधिक प्रतिक्रियाशील स्थलों और प्रकाश संबंधी अवशोषण रखता है। जी-सीएनक्यूडी में प्रतिक्रियाशील आक्सीजन प्रजातियों आरओएस को उत्पन्न करने की क्षमता है। आरओएस तेजी से संपर्क करता है और तुरंत उपलब्ध बड़े जैविक अणुओं मैक्रो मालिक्यूल्स को नुकसान पहुंचाता है जैसे कि कोशिका झिल्ली या आवरण पर मौजूद लिपिड और कोशीय सतह पर मौजूद प्रोटीन, उन सूक्ष्मजीवों को निष्क्रिय करने की दिशा में। निष्क्रियता का ये तंत्र किसी विशेष रोगाणु के लिए गैर-विशिष्ट है, क्योंकि लिपिड और प्रोटीन माइक्रोबियल दुनिया के निवासियों के प्रमुख घटक हैं।
ये वैज्ञानिक ऐसे रास्ते तलाश रहे हैं जिनसे डोप या अनडोप किए हुए कार्बन नाइट्राइड आधारित मटीरियल को कपड़ों वाली बुनावटों के साथ मिलाया जा सके जो रोगाणुरोधी गतिविधि के लिए इष्टतम नमी और तापमान के अंतर्गत लगातार प्रतिक्रियाशील आक्सीजन प्रजातियों आरओएस का उत्पादन कर सकें।
उन्होंने बताया कि छींकने के दौरान उत्पन्न एरोसोल की बूंदों में पर्याप्त नमी होती है जो इन बूंदों में मौजूद किसी भी संक्रामक एजेंटों के आरओएस की मध्यस्थता से कीटाणुशोधन में तब मदद कर सकती है, जब एक बार वो सूरज की रोशनी या परिवेशी सपफेद प्रकाश के तले इस नैनो मटीरियल सिले कपड़े के संपर्क में आए। इस वर्तमान अध्ययन में एक सामान्य टेबल लैंप का उपयोग किया गया जो एक सापफ दिन में सूर्य के प्रकाश जितनी रोशनी प्रदान करता है।
सामान्य पराबैंगनी मध्यस्थता वाले कीटाणुशोधन के मुकाबले दृश्य प्रकाश पर निर्भरता भी फायदेमंद है, क्योंकि उसमें यूवी प्रकाश उत्सर्जक उपकरणों से सावधानीपूर्वक काम लेने की आवश्यकता होती है। वर्तमान परिदृश्य में इसकी प्रासंगिकता को देखते हुए एंटीवायरल दक्षता के लिए भी इस तकनीक को टटोला जाएगा।


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