अखबार की पीडीएफ कापी वाट्सऐप में प्रसारित करना गैर-कानूनी
डिजीटल पाइरेसी के तहत ग्रुप एडमिन पर हो सकती है कार्रवाई
एजेंसी
नई दिल्ली। लाकडाउन के दौर में अखबार एक ओर वितरण से जुड़ी चुनौतियों से जूझ रहे हैं, दूसरी ओर उनके ई-पेपर की कापी और डिजिटल पाइरेसी की घटनाएं भी बढ़ी हैं। इससे समाचार पत्रों को रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है। इसे देखते हुए इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी आईएनएस ने आगाह किया है कि अखबारों के ई-पेपर से पेज डाउनलोड कर उनकी पीडीएफ फाइल वाट्सऐप या टेलीग्राम ग्रुप में प्रसारित करना गैर-कानूनी है।
ई-पेपर या उसके अंश कापी करके सोशल मीडिया पर अवैध रूप से प्रसारित करने वाले व्यक्ति के खिलाफ अखबार कड़ी कानूनी और भारी जुर्माने की कार्रवाई कर सकते हैं। किसी ग्रुप में इस तरह से अखबार की ई-कापी अवैध रूप से सर्कुलेट करने के लिए उस वाट्सऐप या टेलीग्राम ग्रुप के एडमिन जिम्मेदार माने जाएंगे।
आईएनएस की सलाह पर समाचार पत्र समूह ऐसी तकनीक का भी प्रयोग करेंगे, जिससे कि अखबार की पीडीएफ फाइल डाउनलोड कर उसे सोशल मीडिया पर प्रसारित करने वाले व्यक्ति का पता चल सकेगा। हर सप्ताह एक निर्धारित संख्या से ज्यादा पीडीएफ डाउनलोड करने वाले यूजर्स को ब्लॉक भी किया जा सकता है।