सीआईआई उत्तरी क्षेत्र के चेयरमैन द्वारा वित्त मंत्री द्वारा घोषित सुधार और लिक्विडिटी के बढ़ाने के उपायों की सराहना
एक नये आत्म निर्भर भारत के लिए घोषित उपाय वरदानः साहनी
संवाददाता
देहरादून। सीआईआई उत्तरी क्षेत्र के चेयरमैन निखिल साहनी ने कहा कि सीआईआई ने वित्त मंत्री द्वारा घोषित सुधार और लिक्विडिटी के बढ़ाने के उपायों की सराहना की, जिसमें मनरेगा, स्वास्थ्य और शिक्षा, एमएसएमई, कंपनी अधिनियम, पीएसयू की उपस्थिति को सीमित करते हुए रणनीतिक क्षेत्र और सुधारों पर प्रगति को जोड़कर राज्यों को समर्थन बढ़ाना जैसे सात महत्वपूर्ण डोमेन शामिल हैं। इंडस्ट्री यह महसूस कर रही है कि घोषित किए गए उपाय एक नये आत्म निर्भर भारत के लिए वरदान साबित होंगे।
विशेष रूप से टायर 2 और टायर 3 शहरों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सार्वजनिक व्यय में वृद्वि, जिला स्तर के अस्पतालों में संक्रामक रोग ब्लाक की स्थापना और निजी क्षेत्र की सहायता से ब्लाक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं की सुविधाओं को लाना संकेत देता है कि भविष्य में इस तरह की महामारियों और संकट से निपटने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण लाने का इरादा है।
गौर हो कि सीआईआई सुधारों की वकालत करता रहा है जो हमारे उद्यमियों के मस्तिष्क से डर की भावना को दूर करने में मदद करता है तथा अनुपालन को आसान बनाता है। वित्त मंत्री द्वारा कंपनी अधिनियम के कई प्रावधानों को समाप्त करने के संबंध में घोषणाएं, जिसमें कंपाउंडेबल प्रावधान के तहत इन्साल्वेसी के कई प्रावधान लाना, एमएसएमई के स्पेशल इनसाल्वेंसी प्रफेमवर्क शामिल है, उद्यमी बंधुओं के बीच विश्वास की भावना को बढ़ावा देने वाला है।
सरकार द्वारा घोषणाओं की श्रृंखला में संरचनात्मक सुधारों पर जोर देना खास है, क्योंकि इसके लिए सीआईआई लंबे समय से वकालत कर रहा था। रणनीतिक क्षेत्रों को परिभाषित करने वाली एक सुसंगत नीति लाने का सरकार का निर्णय जिसके अंतर्गत पीएसयू के अलावा निजी कंपनियां भी काम कर सकती हैं वास्तव में एक साहसिक सुधार है। यह न केवल अधिक आवक निवेशों को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि यह रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के अलावा नई तकनीकों, दक्षता और प्रक्रियाओं को लाने में भी मदद करेगा।
सीआईआई ने सरकार के इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा है कि यह प्रयास लंबे समय तक मील के पत्थर के रूप में साबित होंगे।