शुक्रवार, 29 मई 2020

राजभवन की महामारी मामले में रस्म अदायगी जनमानस पर भारीः मोर्चा                       

राजभवन की महामारी मामले में रस्म अदायगी जनमानस पर भारीः मोर्चा              


        
- कोरोना महामारी की अव्यवस्थाओं के मामले में राजभवन ने क्यों तलब नहीं किए मुख्य सचिव, सचिव, स्वास्थ्य एवं आपदा 
- मात्र जिलाधिकारी, देहरादून को तलब कर की गई इतिश्री 
- हाईकोर्ट भी सरकार को लगा चुका फटकार          
- प्रदेश में महामारी दिनों-दिन ले रही विकराल रूप   
संवाददाता               
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश भर में कोरोना महामारी लगातार विकराल रूप धारण कर रही है तथा वहीं दूसरी ओर  क्वॉरेंटाइन सेंटर्स की अव्यवस्थाएं किसी से छुपी नहीं है। दो दिन पहले ही न्यायालय इस मामले में सरकार को फटकार लगा चुका है।                        
नेगी ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि इस महामारी में राजभवन की भूमिका बिल्कुल नगण्य रही, जिस कारण सरकार निरंकुश होकर जनता के हितों से खिलवाड़ करती रही। बड़े आश्चर्य की बात है कि राजभवन ने जिलाधिकारी, देहरादून को तलब कर महामारी से संबंधित जानकारी हासिल की, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि महामारी सिर्फ देहरादून में ही है।  
राजभवन को चाहिए था कि महामारी के बढ़ते प्रकोप एवं क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में लोगों की हो रही दुर्दशा के मामले में मुख्य सचिव, सचिव, स्वास्थ्य एवं आपदा को तलब कर जानकारी लेते व सख्त हिदायत देते, लेकिन ऐसा करने के बजाय जिलाधिकारी व अपने सचिव आदि को बुलाकर रस्म अदायगी कर दी गई।
मोर्चा राजभवन से मांग करता है कि जनहित में सरकार की कठपुतली बनने के बजाय सरकार को फटकार लगाकर महामारी में लोगों को निजात दिलाने की दशा में काम करने के निर्देश दे।


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