उत्तर भारत में सीआईआई नार्दन रीजन द्वारा सर्वेक्षण
कोविड-19 के प्रभावों ने पर्यटन के क्षेत्र में अल्पावधि के लिए गहरी छाप छोड़ीः सीआईआई
संवाददाता
देहरादून। उत्तर भारत के 7 राज्यों तथा 3 केंद्र शाषित प्रदेशों में सीआईआई नार्दन रीजन द्वारा कराये गए कोविड-19 के प्रभावों और उसके परिणाम स्वरुप पर्यटन तथा आतिथ्य के क्षेत्र में लगे लाक डाउन पर किये गए सर्वेक्षण के अनुसार ऐसा माना जा सकता है कि कोविड-19 के प्रभावों ने पर्यटन के क्षेत्र में अल्पावधि के लिए एक गहरी छाप छोड़ी है।
इस सर्वेक्षण में दो-तिहाई उत्तरदाताओं ने लाक डाउन के 3 महीने के भीतर यात्रा की सम्भवता जताई है। उत्तरदाताओं ने घरेलू यात्राओं को अधिक महत्ता दी है वहीं विदेश यात्रा को सिर्फ 1.4 फीसदी ही प्राथमिकता मिली है। वायरस के काबू होने बाद भी कोविड-19 के प्रभाव के चलते अधिकांश उत्तरदाताओं का मत है कि विदेश यात्रा को प्राथमिकता दे पाना संभव नहीं होगा। छोटी जगह पर अधिक लोगो की एकत्रता के कारण, हवाई अड्ढा, क्रूज लाइनें तथा एयरलाइन्स को अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
सोशल डिस्टन्सिंग, हाइजीन मानकों आदि के सन्दर्भ में परिभाषित नया सामान्य की अवधारणा भी इस सर्वेक्षण में परिलक्षित होती है। रहने के स्थान के दृष्टिकोण से हाइजीन मानक सर्वाधिक महत्वपूर्ण मापदंड है। हालांकि यह हमेशा से ही महत्वपूर्ण था परन्तु सर्वेक्षण यह बताता है कि यात्रियों के सोचने के नजरिये से यह और भी महत्वपूर्ण बन गया है। इस सर्वेक्षण में 1/5 फीसदी उत्तरदाताओं ने आरोग्य सेतु ऐप को प्राथमिकता दी है और साथ ही साथ ही यह भी बताया है कि यात्री पर्यटन स्थल के चुनाव करते समय यह जरूर देखेंगे की उस क्षेत्र में कोविड-19 का कितना प्रभाव रहा है।
सर्वेक्षण यह भी दर्शाता है कि अभी भी लोग पर्यटन को पुनरुत्थान के माध्यम के रूप में देख रहे है जो कि इस क्षेत्र में व्याप्त अपार सम्भावनाओं को दर्शाता है।
सीआईआई नार्दन रीजन के चेयरमैन निखिल साहनी ने इस सर्वेक्षण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सम्भवता पर्यटन क्षेत्र सबसे पहले प्रभावित होने तथा सबसे आखिरी में उभरने वाला क्षेत्र होगा। दूर दराज के क्षेत्रों में भी यह सबसे अधिक रोजगार सृजन करने वाला क्षेत्र है। सरकार द्वारा अन्य योजनाओ के साथ साथ पर्यटन तथा आतिथ्य के क्षेत्र को भी राहत पैकेज के तहत समाहित करना काफी महत्वपूर्ण है। पर्यटन तथा आतिथ्य क्षेत्र रोजगार सृजन, कर के माध्यम से राजस्व प्रदान करने आदि के दृष्टिकोण से राज्य तथा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक सिद्व होते है। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र संपूर्ण विश्व में बुरी तरह से प्रभावित हुआ है परन्तु देखना यह है की किस प्रकार से यह स्वयं को पुनर्जीवित करता है।
सीआईआई नार्दन रीजन के पर्यटन तथा आतिथ्य कमिटी के चेयरमैन अंकुर भाटिया ने कहा कि इस यह आपदा स्वरुप तथा माप दोनों ही रूप से अभूतपूर्व है जिसको नियन्त्रित करने के रूप से हमारी दक्षता पर्याप्त नहीं है। इस सर्वेक्षण के परिणाम इस संकट के दौरान पर्यटन तथा आतिथ्य क्षेत्र के अस्तित्व को बचाने से लेकर उसके पुनरुथान तक लिए जाने वाले सभी अहम् निर्णयों में मददगार साबित होगा।
यह सर्वेक्षण उत्तर भारत के 7 राज्यों तथा 3 केंद्र शासित प्रदेशों के मध्य कराया गया है जिसमे चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, तथा लद्दाख शामिल है।