शनिवार, 13 जून 2020

मुनाफाखोरी पर लगाम लगाने की जरूरत

सही मानीटरिंग न होने का फायदा उठाकर कालाबाजारी हावी



मुनाफाखोरी पर लगाम लगाने की जरूरत
प0नि0ब्यूरो
देहरादून। शहर में मंडी क्या सील हुई पूरे शहर में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे। तमाम तरह की रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं एकाएक मंहगे हो गए। यह पूरी तरह से प्रशासन की नाकामी है क्योंकि जब मंडी को सील किया गया तो उसपर वैकल्पिक व्यवस्था करने में वह नाकाम रहा। महज सौ पचास वाहनों पर पूरे शहर में सब्जियों की बिक्री का फलसफा समझ से परे है। 
वैसे भी लाकडाउन से अनलाक तक आते आते काफी समय गुजर गया लेकिन प्रशासन आज तक बीडी, सिग्रेट और गुटखों की कालाबाजारी पर लगाम नहीं लगा सका है। आज भी शहर भर में टेलीफोन बीडी और दिलबाग गुटखा ब्लैक में बिक रहें है। ऐसे ही मैगी और कुछ खास ब्रांड के हाल बने हुए है। प्रफी डिश और इसके स्पेयर्स के दाम भी मुनाफाखोरों ने बढ़ा दिए है। बहाना यह कि माल नही आ रहा है। लेकिन प्रशासन की नजर इनपर नहीं पड़ रही। हाल यह हो गया है कि ऐलान भर हो जाये कि  दो दिन बाजार बंद रहेगा, बाजार में सामानों की कीमतें एकाएक बढ़ा दी जाती है। 
लोग लाकडाउन में मजबूर थे और अब अनलाक में भी विवश है कि कालाबाजारी और मुनाफाखोरी की छूट खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा नहीं है कि प्रशासन ने अच्छा काम नहीं किया। लाकडाउन के शुरूवात में हर तरफ मुस्तैदी दिखाई देती थी लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है, जिम्मेदार या तो लापरवाह हो गए या पिफर ऐसे विकट हालात में अवसर देख रहें है। जिसकी वजह से कालाबाजारी और मुनाफाखोरी करने वाले खुलेआम लूट मचा रहें है। 
रिटेलर इन हालातों में सबसे ज्यादा दबाव में हो जाते है। थोक वाले तो मुनाफाखोरी करके पल्ला झाड़ लेते है लेकिन यह रिटेलर ही है जो हर दिन अपने ग्राहकों से जूझता है। लेकिन अपनी समस्या को लेकर कहां जाये? प्रशासन को चाहिये कि वह कालाबाजारी और मुनाफाखोरी करने वालों से सख्ती से पेश आये और उनपर कड़ी कारवाई करे ताकि ऐसे अवांछित तत्व सिर न उठा सकें।


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