नए अवतार में मैडाथान की शुरुआत
विश्व पर्यावरण दिवस पर निर्धारित मैड टाक्स में शीर्ष पर्यावरणविदों ने लिया हिस्सा
संवाददाता
देहरादून। मेकिंग अ डिफरेंस बाय बीन द डिफरेंस (मेड) 9 वर्ष पूरे होने पर इस वर्ष भी अपने वार्षिक कार्यक्रम मेडाथॉन का आयोजन कर रही है। हालांकि इस साल यह आयोजन एक नये रूप मे किया जा रहा जिसे सभी सोशल मिडिया जैसे फेसबुक, यूट्यूब के माध्यम से देख सकते हैं और साझा कर सकते है।
कार्यक्रम की शुरुआत पर्यावरण दिवस के मौके पर की गई। मेड टॉक्स नामक ऑनलाइन सेशन रखा गया जिसमे संस्था की ओर से देश प्रदेश के प्रख्यात पर्यावरणविद् जैसे एमसी मेहता (जिन्होंने भारतीय पर्यावरण की बुनियादी स्थापना की), प्रख्यात पर्यावरणविद् अलमित्रा एच पटेल (जिनके प्रयासों से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कानून भारत मे आये), वसुंधरा दास, अनिल प्रकाश जोशी (जिन्हें सरकार पर्यावरण के लिये योगदान देने हेतू पद्मभूषण और पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा है। यह हिमालयी पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन के संस्थापक भी हैं।), पद्मश्री कल्याण सिहं रावत (विख्यात मैती आंदोलन के प्रणेता), जानी मानी पर्यावरणविद् वदंना शिवा (जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण में अभूतपूर्व कार्य किया हैं।) लोकेश ओरी, सुजाता पॉल, जेपी मैथानी से परिस्थितिकी को अर्थव्यवस्था में कैसे बदला जा सकता है? कोरोना काल के कितना जरूरी हैं भारत का सतत विकास की ओर कदम बढाना? उत्तराखंड के परिपेक्ष्य मे सतत विकास की ओर सरकार की भूमिका? जैसे विषयों पर परिचर्चा हुई। इस परिचर्चा का उद्देश्य इन महानुभावों की अनुशंसाओं को सम्मिलित कर पर्यावरण दिवस को सतर्क रूप से मनाना है।
संस्था की ओर से ऑनलाइन क्विज कंपटीशन का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिभागियों से उत्तराखंड और पर्यावरण के विषय में प्रश्न पूछें गए। इस कार्यक्रम के माध्यम से संस्था का उद्देश्य युवाओं को अपने राज्य के इतिहास और अपने पर्यावरण के प्रति और जागरूक बनाना है।
संस्था के द्वारा ऑनलाइन यूथ पार्लिमेंट का आयोजन किया गया जिसमंे प्रतिभागी युवा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम और अनुच्छेद 21 के परिपेक्ष में पर्यावरण संरक्षण से आप क्या समझते हैं? रिस्पना नदी के पुनर्जीवन के लिए आपकी नीतियां या रिस्पना नदी को पुनर्जीवित कैसे किया जाए? इन विषयों पर परिचर्चा की।
क्विज कंपटीशन और यूथ पार्लिमेंट में विजेता प्रतिभागियों के लिए विशेष पुरस्कार भी रखे गए हैं। इस पूरे आयोजन से संस्था का उद्देश्य युवाओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक और जिम्मेदार बनाना है।