शनिवार, 27 जून 2020

पीटीआई की ‘राष्ट्र विरोधी’ रिपोर्टिंग! 

पीटीआई की ‘राष्ट्र विरोधी’ रिपोर्टिंग! 



नाराज प्रसार भारती कर सकता है मदद रोकने का फैसला
एजेंसी
नई दिल्ली। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्टर लिज मैथ्यू ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी देते हुए ट्वीट किया है कि प्रसार भारती की ओर से प्रेस ट्रस्ट आफ इंडिया पीटीआई को जो पत्र भेजा जा रहा है, उसमें कहा गया है कि राष्ट्र विरोधी रिपोर्टिंग के चलते अब संबंध जारी रखना मुश्किल हो रहा है। प्रसार भारती की ओर से पीटीआई को हर साल करोड़ों रुपए की मदद दी जाती है।
बताया जा रहा है कि समाचार एजेंसी पीटीआई से सरकार खुश नहीं है। प्रसार भारती को लगता है कि पीटीआई राष्ट्र विरोधी रिपोर्टिंग कर रही है। इससे प्रसार भारती बेहद नाखुश है और नाखुशी का इजहार करते हुए पीटीआई को कड़ा पत्र लिख रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्टर लिज मैथ्यू ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। मैथ्यू ने ट्वीट करके बताया है कि प्रसार भारती की ओर से प्रेस ट्रस्ट आफ इंडिया पीटीआई को जो पत्रा भेजा जा रहा है, उसमें कहा गया है कि राष्ट्र विरोधी रिपोर्टिंग के चलते अब संबंध जारी रखना मुश्किल हो रहा है। बता दें कि प्रसार भारती की ओर से पीटीआई को हर साल करोड़ों रुपए की मदद दी जाती है।
पीटीआई को सरकार की ओर से यह मदद दशकों से मिल रही है। अब प्रसार भारती इस संबंध को जारी रखने पर नए सिरे से सोच रहा है। इस संबंध में अंतिम निर्णय जल्द ही ले लिए जाने के आसार हैं।
पीटीआई देश की बड़ी और पुरानी समाचार एजेंसी है। इसके टक्कर की कोई और एजेंसी अब बची नहीं है। पीटीआई का रजिस्ट्रेशन 1947 में हुआ था और 1949 से इसने काम करना शुरू किया था। आजकल इसका संचालन एक निदेशक मंडल के जरिए होता है। पीटीआई आत्मनिर्भर समाचार एजेंसी नहीं बन सकी है। सरकारी मदद पर ही ज्यादा निर्भर है।


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