सोमवार, 1 जून 2020

सरकार की पहली प्राथमिकता अर्थव्यवस्था, लोगों का जीवन बाद में: मोर्चा                      

सरकार की पहली प्राथमिकता अर्थव्यवस्था, लोगों का जीवन बाद में: मोर्चा        


             
- प्रदेश में कोरोना महामारी ले चुकी विकराल रूप                  
- प्रदेश की जनता चाहती है कि सख्त कदम उठाए सरकार      
- क्यों दो-ढाई महीने में ही सरकार ने तोड़ दिया दम              
- कहां गया वो ₹200000 प्रति व्यक्ति आय का शिगूफा            
- अमेरिकी फार्मूले पर काम कर रही सरकार 
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सरकार इस कोरोना माहवारी में लोगों को मौत के मुंह में धकेल कर अर्थव्यवस्था पर फोकस करने में लगी है| मोर्चा लगातार भ्रष्ट एवं निकम्मी सरकार के आर्थिक रूप से दिवालियापन एवं माफियाओं के हाथों में खेलने के बारे में जनता को पहले ही आगाह कर चुका था| सरकार का खजाना बिल्कुल खाली है तथा सरकार ऐसे समय में, जब महामारी अपने चरम पर है, लॉक डाउन में और ढील देकर एवं समस्त व्यवसायिक संस्थानों को खोल कर लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रही है| पूर्व में सरकार द्वारा झूठे आंकड़े पेश कर ₹200000 प्रति व्यक्ति आय का शिगूफा छोड़ा गया| अब वो आंकड़े क्यों धराशाई हो गए! व्यवसायिक संस्थान व जनता भी अत्याधिक ढील की पक्षधर नहीं है| सरकार को चाहिए कि बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से इस दिशा में काम करे| सरकार अमेरिकी फार्मूले पर काम कर रही है, जिसके तहत लॉक डाउन में पूरी छूट देकर अर्थव्यवस्था बचाने का खेल खेला जा रहा है| अमेरिका यह खेल पहले ही खेल चुका, नतीजतन एक लाख से अधिक लोग काल का ग्रास बने|                         
नेगी ने कहा कि पहले से ही कंगाल सरकार चाहती है कि अर्थव्यवस्था बरकरार रहनी चाहिए, चाहे जनता जिए या मरे मोर्चा राजभवन से आग्रह करता है कि भ्रमित सरकार को दिशा-निर्देश दें|


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