रविवार, 19 जुलाई 2020

कोरोना वायरस जांच: रैपिड एंटीजन टेस्ट

कोरोना वायरस जांच: रैपिड एंटीजन टेस्ट



प0नि0डेस्क
देहरादून। देश में कोरोना वायरस की जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाता है। कोरोना वायरस की पहचान के लिए इस टेस्ट को सबसे विश्वसनीय माना गया है। देश में रैपिड एंटीजन टेस्ट की भी शुरुआत हुई है। इसकी प्रक्रिया बहुत जल्दी पूरी हो जाती है और रिजल्ट भी आ जाता है। जबकि आरटी-पीसीआर टेस्ट में समय लगता है। इंडियन काउंसिल आपफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कोरोनो वायरस के लिए एंटीजन टेस्ट को मंजूरी दी जो सिर्फ 15 मिनट में परिणाम दे सकता है। कई शहरों में कोरोना के मामले बढ़ने की वजह से रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाए जानें लगे हैं।
रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए नाक में एक पतली से नली से सैंपल लिया जाता है। नाक से लिए गए उस लिक्विड को टेस्ट किट में डाला जाता है। ये किट थोड़ी ही देर में बता देती है कि जिसका सैंपल डाला गया है वो कोरोना वायरस से संक्रमित है कि नहीं। ये किट उसी तरह होती है, जैसे प्रेग्नेंसी टेस्ट किट होती है। सैंपल डालने के बाद यदि 2 रेड लाइन आती है तो इसका मतलब है कि कोरोना पाजिटिव है। एक लाइन आती है तो वो कोरोना नेगेटिव है। 
जो भी व्यक्ति इस टेस्ट के माध्यम से पाजिटिव पाया जाता है, उसका इलाज तुरंत शुरू हो जाता है। उस टेस्ट की पाजिटिव रिपोर्ट को पुख्ता माना जाता है। लेकिन किसी का टेस्ट नेगेटिव आया है और उसमें कोरोना के लक्षण हैं तो फिर उसका आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाता है। अब तक किट का उपयोग कंटेनमेंट जोन या हाटस्पाट्स और हेल्थकेयर सेटिंग्स में किया जा रहा है। आईसीएमआर ने सलाह दी है कि परीक्षण मेडिकल सुपरविजन के तहत किया जाएगा और किट का तापमान 2 से 30 डिग्री सेल्सियस बनाए रखना होगा।
यदि रैपिड टेस्ट पाजिटिव आता है तो हो सकता है कि वह व्यक्ति कोविड-19 का मरीज हो, ऐसे में उसे घर में ही आइसोलेशन में रहने या फिर अस्पताल में रखने की सलाह दी जाती है। वहीं अगर ये टेस्ट निगेटिव आता है तो फिर उसका रियल टाइम पीसीआर टेस्ट किया जाता है। रियल टाइम पीसीआर टेस्ट में पाजिटिव आने पर अस्पताल या घर में आइसोलेशन में रखा जाता है। वहीं रियल टाइम पीसीआर टेस्ट निगेटिव आने पर माना जाता है कि उसमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हैं। अगर किसी शख्स का पीसीआर टेस्ट नहीं हो पाता है तो उसे होम क्वारंटीन में रखा जाता है और 10 दिन बाद दोबारा से एंटीबाडी टेस्ट किया जाता है। यानी दोनों ही मामलों में ये पूरी तरह से कंफर्म नहीं होता कि मरीज कोरोना पाजिटिव है या नहीं, कंफर्म रिपोर्ट के लिए रियल टाइम पीसीआर टेस्ट ही करना होता है। हालांकि ये पता चल जाता है कि व्यक्ति का शरीर कोविड-19 से लड़ने के लिए एंटीबाडी बना रहा है या नहीं।
आरटी एंड पीसीआर टेस्ट को कोरोना की पहचान के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने गोल्ड स्टैंडर्ड प्रफंटलाइन टेस्ट कहा है। इसमें संभावित मरीज के नाक के छेद या गले से स्वाब लिया जाता है। ये टेस्ट लैब में ही किया जाता है। इस टेस्ट में त्पइवदनबसमपब ंबपक यानी कि आरएनए की जांच की जाती है। आरएनए वायरस का जेनेटिक मटीरियल है। अगर मरीज से लिए गए सैंपल का जेनेटिक सीक्वेंस सार्स एंड कोविड-2 वायरस के जेनेटिक सीक्वेंस से मेल खाता है तो मरीज को कोरोना पाजिटिव माना जाता है। इस टेस्ट में निगेटिव रिजल्ट तभी आता है जबकि मरीज के शरीर में वायरस मौजूद नहीं रहते हैं।


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