उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने उर्दू अनुवादकों की फर्जी नियुक्ति को लेकर आवाज बुलंद की
संघ ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, जिलाधिकारी सहित तमाम आला अधिकारियों को देंगे ज्ञापन
नौकरी से नहीं हटाया गया तो छेडेंगे जन आंदोलनः बॉबी पंवार
संवाददाता
देहरादून। उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने राज्य में विभिन्न विभागों में फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे उर्दू अनुवादकों की नियुक्ति को लेकर आवाज बुलंद की है। मीडिया में मामला सामने आने के बाद संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने संगठन के अन्य पदाधिकारियों के साथ मामले का खुलासा करने वाले एडवोकेट और आरटीआई एक्टिसिस्ट विकेश सिंह नेगी से कचहरी स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने उर्दू अनुवादकों की नौकरी, शासनादेश व नियुक्ति सहित अन्य सभी विषयों पर बातचीत की।
आरटीआई से आये विभिन्न विभाग के जबावों को पढ़ने और शासनादेश सहित अन्य कागजों का अध्ययन करने के बाद बॉबी पंवार ने कहा कि यह बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है। एक साल की नौकरी पर रखे गये लोग सरकारी नौकरी पर रख दिये गये। इनको प्रमोशन के साथ ही समय पर अन्य लाभ मिलते रहे। यह बिना मिलीभगत के संभव ही नहीं है। विकेश नेगी द्वारा खुलासा करने के बाद भी विभागों की खमोशी और इन लोगों पर कार्रवाही न करना इस बात को बताता है कि यह बहुत बड़ा गड़बड़झाला है। सबसे बड़ी बात यह कि यह नियुक्तियां केवल बुदेंलखंड, गढ़वाल और कुमांउ में जिलास्तर व मंडलस्तर पर नहीं थी। यह सिर्फ एक साल के लिये थी और 28 फरवरी 1996 को स्वतः ही समाप्त हो गई थी। फिर भी यह लोग इतने सालों से फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी कर रहे हैं।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार का कहना है कि आरटीआई में हुए खुलासे के बाद उत्तराखंड के भ्रष्ट तंत्र की काली करतूतें सामने आ गई है। जिससे यह तय हो गया है कि किस प्रकार उत्तराखंड में मूल निवासियों और योग्य युवाओं का हक मारा जा रहा है। जिस प्रकार नेताओं एंव अधिकारियों की सिफारिश से इन लोगों को नौकरी दी गई है, ये प्रदेश के योग्य छात्रों के साथ छलावा है। जिसका पूरजोर विरोध किया जाएगा और दोषियों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। आरटीआई में तमाम विभागों ने चौंकाने वाले जबाव दिए जिससे सारी सच्चाई सामने आ गई है।
उनका कहना है कि उत्तराखंड बेरोजगार संघ इस मामले पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाही के साथ इस पूरे प्रकरण की जांच के लिये राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, जिलाधिकारी, सहित तमाम आला अधिकारियों को ज्ञापन देगा। इसके बाद भी अगर कोई कार्रवाही नहीं की गई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ा जायेगा।
आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी
वहीं एडवोकेट व आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर उनकी लड़ाई जारी है। इसके लिये हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट जहां तक भी लड़ाई लड़नी पड़े वह इसके लिये तैयार हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी यह मुहिम रूकेगी नहीं। वह सरकार के खजाने को चूना लगाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलापफ कड़ी कार्रवाही कराकर ही दम लेंगे। विकेश नेगी ने आम जनता से अपील की कि यह उनकी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। यह आम जनता की लड़ाई है। अगर हमें राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है और हर बेरोजगार युवा को रोजगार मुहैया कराना है तो इसके लिये सब को आगे आना होगा। इस मुहिम को जन आंदोलन बनाना होगा। मिलकर लड़ाई लड़नी होगी तभी राज्य भ्रष्टाचार मुक्त हो पायेगा।